ट्रैक मशीनों के उपयोग से सुदृढ़ हो रहा रेलपथ और बढ़ रही रेल संरक्षा
यात्रियों को यात्रा के दौरान मिल रहा बेहतर राइडिंग कम्फर्ट और हो रहा है संरक्षित रेल परिवहन के साथ ट्रेनों के समय पालन में पर्याप्त सुधार
गोरखपुर ब्यूरो: सेफ्टी (संरक्षा) रेलवे की पहली प्राथमिकता है और इसे सुदृढ़ करने लिए रेल प्रशासन द्वारा अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। संपूर्ण रेलपथ नवीनीकरण (सीटीआर), टर्न आउट नवीनीकरण, डीप स्क्रीनिंग, ट्रैक टैम्पिंग, बैलास्ट रेगुलेशन इत्यादि कार्य आधुनिक तकनीक से मशीनों द्वारा संपन्न किए जा रहे हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे पर विभिन्न प्रकार की 36 ट्रैक टैम्पिंग मशीनें कार्य कर रही है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 23 मई, 2022 तक, मल्टी परपज मशीन एमएफआई-56902 द्वारा 92.18 किमी. एवं एमएफआई-56903 द्वारा वर्ष 59.88 किमी. का कार्य किया गया।
यह दोनों मशीनें डिजाइन, लाइनिंग और लेवेलिंग के साथ ट्रैक और प्वाइंट एंड क्रासिंग के टैम्पिंग कार्य को एक साथ करती हैं। इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर राइडिंग कम्फर्ट मिलता है।
इसी प्रकार 2022-23 में 23 मई, 2022 तक बीसीएम-56772 मशीन द्वारा 09.63 किमी. तथा बीसीएम-56762 द्वारा 16.40 किमी. का कार्य किया गया। यह मशीन बैलास्ट की छनाई तीव्र गति से करती है।
वर्ष 2022-23 में 23 मई, 2022 तक बीआरएम 56664 मशीन द्वारा 138.6 किमी. का कार्य किया गया। इस मशीन द्वारा उच्चतम गति के साथ ट्रैक पर बैलास्ट की प्रोफाइल को ठीक करने का कार्य न्यूनतम समय में किया जाता है।
टी-28 मशीन, जो टर्न आउट नवीनीकरण का कार्य करती है, द्वारा वर्ष 2022-23 में 23 मई, 2022 तक पांच अदद टर्न आउट का नवीनीकरण कार्य किया गया।
डीटीइ-56762 मशीन, जो डायनामिक टैम्पिंग मशीन है, के उपयोग से वर्ष 2022-23 में 23 मई, 2022 तक 138.6 किमी. का टैम्पिंग कार्य किया गया।
रेल प्रशासन द्वारा ट्रेनों की गति बढ़ाने के उद्देश्य से रेल लाइनों को सुदृढ़ करके वर्ष 2021-22 में 391.43 रूट किमी. खंड पर, यार्डों में लूप लाइन की गति सीमा 15 किमी. प्रतिघंटा से बढ़ाकर 30 किमी. प्रतिघंटा की गई। इसके अतिरिक्त विभिन्न रेल खंडों के 328.16 रूट किमी. पर गति सीमा बढ़ाई गई।
मशीनीकृत अनुरक्षण से रेलपथ की संरक्षा सुदृढ़ हुई है। फलस्वरूप संरक्षित रेल परिवहन के साथ ट्रेनों के समय पालन में भी पर्याप्त सुधार हुआ है।