शिकायतों के निस्तारण में प्रथम स्थान पर पूर्वोत्तर रेलवे

पूर्वोत्तर रेलवे को पुरस्कार स्वरूप मिलेगी “रेल मदद शील्ड-2022”

गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान रेलवे है और यात्री संतुष्टि इसका परम ध्येय है। रेल प्रशासन यात्रियों की यात्रा को सुखद बनाने के लिए नित नए कदम उठा रहा है। इसके लिए अद्यतन तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी असुविधा के निवारण के लिए रेल प्रशासन द्वारा ‘रेल मदद ऐप’ विकसित किया गया है। जिसका उद्देश्य यात्री शिकायत निवारण में तेजी लाना और उसे कारगर बनाना है।

यात्री सुविधा को ध्यान में रखकर अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल ने ‘रेल मदद ऐप’ के माध्यम से प्राप्त जन-परिवादों की निस्तारण प्रक्रिया में व्यापक सुधार कराया है। इसके लिए सघन अभियान चलाकर ग्राहक संतुष्टि के पैरामीटर में अपेक्षित सुधार किया गया है। फलस्वरूप जन-परिवादों के निस्तारण में आशातीत सफलता मिली है।

वर्ष 2020 में जन-परिवादों का पेंडेंसी समय 4 घंटा 34 मिनट एवं निस्तारण समय 3 घंटा 6 मिनट था तथा यात्री द्वारा दी जाने वाली रेटिंग/फीडबैक भी संतोषजनक ही रहा। जबकि निरंतर किए गए सुधारों से वर्ष 2021 में घटकर पेंडेंसी समय मात्र 9 मिनट तथा निस्तारण समय मात्र 13 मिनट हो गया है। उत्कृष्ट फीडबैक रेटिंग भी मिल रही है। इस ऐप के  माध्यम से प्राप्त जन-परिवादों के निस्तारण में पूर्वोत्तर रेलवे का रिकाॅर्ड क्षेत्रीय रेलों में काफी बेहतर है।

पूर्वोत्तर रेलवे पर ग्राहक संतुष्टि हेतु चलाए गए अभियानों के अंतर्गत सर्वप्रथम समस्याओं को पहचान कर उनके लिए तत्काल सुधारात्मक प्रयास किए गए हैं। प्रतिदिन विभाग एवं मंडल के कार्यकलापों की जानकारी देने के लिए मंडल एवं मुख्यालय के अधिकारियों का व्हाट्सएप समूह बनाया गया है। ‘रेल मदद ऐप’ से प्राप्त जन-परिवादों के निस्तारण में अधिक समय लगने वाले मामलों की गहन समीक्षा प्रतिदिन की गई।

मुख्यालय द्वारा ऐसे क्षेत्रों का वर्गीकरण किया गया जहां से निरंतर एवं रिपीटेड जन-परिवाद प्राप्त होते थे, उसको विवरण संबंधित मंडलों को भेजा गया। मंडलों में नोडल अधिकारी बनाए गए तथा कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया गया।

इस संपूर्ण प्रक्रिया में कंट्रोल की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए शिकायतकर्ता से विनम्रतापूर्वक एवं शिष्टाचार से बात करने के लिए योग्य कर्मचारियों को रखा गया तथा उनको उचित प्रशिक्षण दिया गया कि सोशल मीडिया एवं ‘रेल मदद पोर्टल’ पर प्राप्त होने वाले परिवादों पर कैसे जबाव देना है।

मंडल कंट्रोल में कार्यरत कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि सभी शिकायतकर्ताओं से बात कर उनका फीडबैक लिया जाए। असंतोषजनक फीडबैक प्राप्त होने पर प्रतिदिन अपर मंडल रेल प्रबंधक स्तर पर इसकी समीक्षा की जाती है। विश्लेषण में यह पाया गया कि ज्यादातर शिकायत कोचों में साफ-सफाई, वाटरिंग, टॉयलेट एवं कोच अनुरक्षण से संबंधित थीं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए निम्नलिखित सुधारात्मक कार्य किए गए हैं –

1. ऑनबोर्ड साफ-सफाई के लिए ओबीएचएस का चौबीस घंटे हेल्पलाइन गोरखपुर एवं ऐशबाग में बनाया गया है। ओबीएचएस हेल्पलाइन नंबर को हर कोच में प्रदर्शित किया गया है। यह प्रयोग बहुत ही सफल रहा तथा लगभग 70 काॅल प्रतिदिन गोरखपुर के हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होती हैं।

2. सफाई कर्मचारियों की पहचान हो सके, इसके लिए बिना यूनीफार्म के उनको ट्रेन में जाने पर रोक लगाई गई है।

3. ट्रेन में लंच/डिनर के समय डिस्पोजल प्लेट्स हटाने की ज्यादा शिकायतों के दृष्टिगत इस समय पर विशेष ध्यान देने हेतु प्रशिक्षण दिया गया।

4. एसी कर्मचारियों को ट्रेन लाइटिंग एवं मोबाइल चार्जर संबंधी शिकायतों को रास्ते में ठीक करने के लिए एक किट बैग दिया जाता है।

5. दावा एवं मोबाइल टिकटिंग से संबंधी शिकायतों की वाणिज्यिक कंट्रोल द्वारा 24 घंटे माॅनिटरिंग की जा रही है और मंडलों में सहायक वाणिज्य प्रबंधक स्तर पर पार्सल/लगेज की शिकायतों के लिए निगरानी की जा रही है।

6. रेलवे सुरक्षा बल एवं वाणिज्य कर्मचारियों के समन्वय से कोचों में अनधिकृत यात्रियों के प्रवेश पर अंकुश लगाया जा सका है।

7. यात्रियों को चिकित्सा सहायता के लिए उनकी सीधे चिकित्सक से बात कराई जाती है।

8. इन सभी सुधारों से जहां शिकायतों की संख्या में कमी आई है, वहीं मामलों के शीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण से यात्रियों एवं रेल उपयोगकर्ताओं की संतुष्टि का स्तर भी बढ़ा है।

रेलवे यात्री शिकायत निवारण और प्रबंधन प्रणाली (रेल मदद ऐप) यात्रियों को मोबाइल फोन या वेब के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की अनुमति देता है। साथ ही ऐप में फोटो अपलोड करने का विकल्प भी है।

एक बार जब यात्री अपनी शिकायत दर्ज कर लेता है, तो उसे भारतीय रेल द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करने हेतु एसएमएस के माध्यम से एक त्वरित आईडी प्राप्त होती है। साथ ही ‘रेल मदद ऐप’ यात्रियों को उनकी शिकायतों के निवारण की स्थिति पर रीयल-टाइम फीडबैक देता है।

इस ऐप पर विभिन्न हेल्पलाइन नंबर भी प्रदर्शित होता है, जैसे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर, सुरक्षा नंबर तथा इसके अतिरिक्त एक आसान चरण में तत्काल सहायता के लिए सीधे काॅल करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इंटरनेट के इस जमाने में अब रेलवे तक अपनी शिकायत पहुंचाना बेहद आसान है।

इसके अलावा यात्रीगण अन्य किसी भी प्रकार की शिकायत इसके जरिए कर सकते हैं। यात्रा के दौरान यात्री पानी, बिजली और साफ-सफाई के लिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए यात्री को एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। इसमें शिकायत संबंधी डिटेल, घटना की तारीख, कर्मचारी का नाम, घटनास्थल इत्यादि की जानकारी देनी होती है। यात्री इसमें अपनी शिकायत विस्तृत रूप में लिख सकते हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे को वर्ष 2021-22 में ‘रेल मदद’ पोर्टल पर कुल 39087 शिकायतें प्राप्त हुईं तथा सभी का निस्तारण समय से किया गया। 39087 शिकायतों के निस्तारण के उपरांत यात्रियों द्वारा कुल 17605 फीडबैक प्राप्त हुए, जिसमें से 11766 फीडबैक उत्कृष्ट रहा, अर्थात कुल 66.83% प्रदर्शन उत्कृष्ठ रहा।

‘रेल मदद ऐप’ से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करने के मामले में भारतीय रेल के सभी जोनों में पूर्वोत्तर रेलवे का प्रथम स्थान है, जिसके लिए रेलवे बोर्ड स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को रेल मदद शील्ड-2022 प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा।