पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा दिया जा रहा संरक्षा एवं बुनियादी ढ़ांचागत विकास कार्यों पर विशेष जोर
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वाेत्तर रेलवे निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। रेलवे द्वारा संरक्षा के दृष्टिकोण से गाड़ियों की गति बढ़ाने, संचालन समय में बचत हेतु रेल पथ एवं स्लीपर नवीनीकरण, डीप स्क्रीनिंग तथा बलास्ट की यथोचित आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप छोटी एवं बड़ी लाइन पर विभिन्न रेल खंडों में सेक्शनल स्पीड बढ़ाई जा रही है। रेलवे ट्रैक को सुदृढ़ करने की दिशा में कई मदों में वर्ष 2021-22 में पूर्वोत्तर रेलवे का सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे पर रेल नवीनीकरण हेतु 2021-22 में 90 ट्रैक किमी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि इससे पिछले वर्ष 2019-20 की उपलब्धि 113.88 किमी थी, जिसके सापेक्ष वर्ष 2021-22 में 162.53 ट्रैक किमी का नवीनीकरण किया गया। इस प्रकार पिछली अधिकतम उपलब्धि से भी वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त 48.65 ट्रैक किमी रेल का नवीनीकरण किया गया।
स्लीपर नवीनीकरण हेतु वर्ष 2021-22 में 50 ट्रैक किमी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि इससे पिछले वर्ष 2020-21 की उपलब्धि 64.42 किमी थी। इसके सापेक्ष वर्ष 2021-22 में 69.96 ट्रैक किमी के स्लीपर का नवीनीकरण किया गया। इस प्रकार पिछली अधिकतम उपलब्धि से भी वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त 19.96 ट्रैक किमी स्लीपर का नवीनीकृत किया गया।
वर्ष 2021-22 में प्लेन ट्रैक की डीप स्क्रीनिंग का निर्धारित लक्ष्य 230 किमी एवं वर्ष 2020-21 की अधिकतम उपलब्धि 288.87 किमी के सापेक्ष इस वर्ष 310.23 किमी की डीप स्क्रीनिंग की गई।
इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में टर्न आउट की डीप स्क्रीनिंग का निर्धारित लक्ष्य 130 टर्न आउट एवं वर्ष 2020-21 की अधिकतम उपलब्धि 194 टर्न आउट के सापेक्ष इस वर्ष 248 टर्न आउट की डीप स्क्रीनिंग की गई है।
बलास्ट की आपूर्ति पूर्व की अधिकतम आपूर्ति 4.29 क्यूबिक मीटर के सापेक्ष इस वर्ष 6.54 लाख क्यूबिक मीटर की गई तथा थ्रू टर्न आउट रिन्यूअल निर्धारित 100 एवं पूर्व के अधिकतम 150 के सापेक्ष 168 इक्यूवलेंट यूनिट रही जो कि सर्वोत्कृष्ट है। विभिन्न रेल खंडों पर पूर्व के अधिकतम 37 के सापेक्ष 59 प्वाइंट एवं क्रासिंग में थिक वेब स्विच लगाया गया जो कि एक विशेष उपलब्धि है। उक्त मदों में पूर्वोत्तर रेलवे का प्रदर्शन शानदार एवं सर्वोत्कृष्ट रहा।
गति बढ़ाने के उद्देश्य से रेल लाइनों को सुदृढ़ कर स्थाई गति अवरोधक के दो सतर्कता आदेश हटाए गए तथा दो में स्थाई गति अवरोधक की गति सीमा बढ़ाई गई है। 391.43 रूट किमी खंड पर यार्डों में लूप लाइन की गति सीमा दोगुनी की गई है। इसके अतिरिक्त विभिन्न रेल खंडों पर निर्धारित 271 के सापेक्ष 328.16 रूट किमी पर गाड़ियों की गति सीमा बढ़ाई गई है।