कार्मिक विभाग/द.प.रे. ने किया कैट/बेंगलुरु बेंच के आदेश के विरुद्ध मनमानी कार्य

ट्रैक मशीन ऑर्गनाइजेशन/द.प.रे. में जेई के लिए हुए चयन में दो साल बाद एक नया नाम जोड़कर की गई मनमानी

संदर्भ: पीसीपीओ / एसडब्ल्यूआर एलआर नंबर एसडब्ल्यूआर / पी 535 / वीईएनजी / जेई टीएम 25% एलडीसीई / वीओ/IV, दि. 26.10.2018

दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा ट्रैक मशीन ऑर्गनाइजेशन (टीएमओ) में जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर चयन के लिए एक अधिसूचना दि. 26.10.2018 को जारी की थी। तदनुसार रेल प्रशासन ने एक चयन समिति का गठन किया था। इस समिति ने चयन प्रक्रिया पूरी कर ली और अंतिम परिणाम दि. 21.11.2019 को घोषित कर दिया गया था।

चयनित रेलकर्मियों ने प्रशिक्षण लिया और उत्तीर्ण हुए इन उम्मीदवारों की सूची पीसीपीओ/द.प.रे. द्वारा दि. 12.10.2020 को एक कार्यालय आदेश संख्या 213/2020 जारी किया गया था।

तत्पश्चात सफल एवं प्रशिक्षित उम्मीदवारों ने द.प.रे. के टीएमओ में जेई के पद पर अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाया और साथ ही काम कर रहे हैं।

यहां उल्लेखनीय यह है कि रेलवे ने चयन की ऐसी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली और चयनित कर्मचारी अपने नए पद पर काम कर रहे हैं। परंतु इसी बीच रेलवे द्वारा एक नया पत्र जारी किया गया, जिसमें संबंधित रेलकर्मियों (जेई) को उनके पूर्व पदनामों से “कारण बताओ नोटिस” जारी किया गया है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पीसीपीओ/द.प.रे. ने पुनः एक नई सूची जारी करके उसमें एक नए व्यक्ति (कर्मचारी) का नाम जोड़ दिया, जिसे चयन समिति द्वारा अंतिम सूची में अधिसूचित नहीं किया गया था।

रेल प्रशासन द्वारा इस तरह की मनमानी कार्रवाई कैट के आदेश के विरुद्ध है। इस प्रकार स्पष्ट है कि परीक्षा और सत्यापन पर कैट का कोई आदेश नहीं मिला, लेकिन रेलवे ने अपनी मनमानी करते हुए एक नई चयन समिति का गठन करके और एक नई सूची बनाकर चयनित उम्मीदवारों में एक नया नाम जोड़ दिया।

हालांकि अंतिम पैनल को नए सिरे से संशोधित करने का निर्धारित समय दो साल बाद समाप्त हो गया था।  रेल प्रशासन द्वारा इस तरह के मनमानी आचरण और कृत्य से चयन के बाद सूची में नया नाम डालने के लिए अधिकारियों की संलिप्तता और उनकी कुत्सित मंशा के बारे में संदेह पैदा हो रहा है।

इंडियन रेल मजदूर यूनियन ने दि. 10.12.2021 को पीसीपीओ और पीसीई/द.प.रे. एक लिखित ज्ञापन देकर कहा है कि रेल प्रशासन ने पूरी तरह भद्दे तरीके से केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट), बेंगलुरु बेंच द्वारा पारित किए गए आदेश के विरुद्ध मनमाना निर्णय लिया है।

यूनियन का यह भी कहना है कि रेल प्रशासन द्वारा की गई प्रक्रिया की प्रकृति अत्यधिक आपत्तिजनक है। यूनियन ने मांग की है कि ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए जिन्होंने कैट के आदेश को दरकिनार करके अपनी मनमानी की है।

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