“रार नहीं ठानूंगा पर हार नहीं मानूंगा” की तर्ज पर अड़े हुए हैं डॉ भटनागर

रेल संगठन में जबरन घुसाए गए वंशवाद पर चल रहा जबरदस्त विवाद

पुत्र को येन-केन स्थापित करने के लिए बुजुर्ग वरिष्ठ यूनियन नेता को करना पड़ रहा है कठिन संघर्ष

#WCRMS में उम्र के इस पड़ाव पर डॉ आर. पी. भटनागर को आज ये दुखद दिन भी देखने पड़ रहे हैं!

अनुमति न मिलने पर भी गेट मीटिंग में गिनती के 8-10 आदमी देख डॉ भटनागर को मायूस होना पड़ा!

पुत्र को रेल संगठन में येन-केन स्थापित करने के फेर में पिता-पुत्र को आम रेल कर्मचारी की नजरों से उतरने का यह दृश्य देखना अत्यंत दुखद है!

खबर ये भी है कि भले ही सेंट्रल रेलवे में कोई कर्मचारी खुलकर नहीं बोल रहा है, पर #CRMS में भी अमित भटनागर को लेकर बहुत गहरा अंदरूनी असंतोष है!

अनुमति नहीं होने पर पुलिस ने बंद कराई गेट मीटिंग

कई वरिष्ठ रिटायर्ड यूनियन नेताओं का कहना है कि “रेलकर्मियों की भलाई के लिए डॉ आर. पी. भटनागर ने वास्तव में अपने जीवन का सबसे कीमती समय दिया, मगर एक बाहरी व्यक्ति अर्थात अपने पुत्र अमित भटनागर को रेलकर्मियों पर थोपने की एवज में उन्हें जीवन के इस पड़ाव में भी संघर्ष करना पड़ रहा है, यह देखना अत्यंत दुखद है!”

उनका यह भी कहना है कि “जो हुआ, वह अत्यंत दुखद है, पर यह तो एक न एक दिन होना ही था!”

मंडल रेल प्रबंधक/कार्मिक/जबलपुर ने गेट मीटिंग की अनुमति नहीं दी।

“रार नहीं ठानूंगा पर हार नहीं मानूंगा” की तर्ज पर अधिकारिक अनुमति नहीं होने के बावजूद जबलपुर मंडल कार्यालय के सामने लंच ऑवर में लगभग जबरन आयोजित की गई मीटिंग को आरपीएफ ने बंद करा दिया।

पश्चिम मध्य रेलवे के रेलकर्मी इस सारे विवाद की जड़ अमित भटनागर को और उनके उद्दंड व्यवहार तथा कदाचार को मानते हैं!

कई वरिष्ठ रेलकर्मियों और नेताओं का कहना है, “उन्हें ऐसा लगता है कि सीनियर भटनागर और उनके नेतृत्व को लेकर न यहां पश्चिम मध्य रेलवे में और न ही वहां अर्थात मध्य रेलवे में कोई असहमति या विवाद नहीं है, ऐसे में अगर सीनियर भटनागर पुत्र मोह छोड़ देते हैं, तो शायद यह विवाद अभी भी हल हो सकता है!”

उनका यह भी कहना था कि, एक विवादित महिला को वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की महिला विंग का पदाधिकारी बनाए जाने और डीआरएम से उसकी नजदीकी तथा एक सहकर्मी को झूठे एवं अनावश्यक विवाद में फंसाकर दूसरे मंडल में उसका विवादास्पद ट्रांसफर करा देने पर इसके कार्याध्यक्ष अमित भटनागर को एक जानकार व्यक्ति ने यह कहकर चेताया था कि एक न एक दिन वह किसी न किसी विवाद के चलते संस्था को ही बदनाम कर देंगे, और आखिर वही हुआ। यह सर्वज्ञात है कि उक्त विवादित महिला को अमित भटनागर की पसंद से ही पदाधिकारी बनाया गया था।

गेट मीटिंग में खाली पड़ी कुर्सियां और मीटिंग बंद कराते आरपीएफ कर्मी

बहरहाल, कहते हैं, बिना परिश्रम की मिली विरासत पर निकम्मी औलादें जब इतराना शुरू करती हैं, तब उनकी चौतरफा किरकिरी होती है। भटनागर द्वय और अशोक शर्मा के बीच WCRMS पर वर्चस्व की लड़ाई में यह प्रत्यक्ष देखा जा रहा है।

#WCRMS #CRMS #NFIR #IndianRailways