ओएचई/आरई के निर्माण कार्यों की लागत में भी हो रहा है घालमेल
खबर है कि इलेक्ट्रिकल/ओएचई विभाग और आरई के निर्माण कार्यों में भी लागत का घालमेल किया जा रहा है।
ओएचई के फाउंडेशन के उपयोग में लाए जा रहे कंक्रीट का ग्रेड बहुत अमानक दर्जे का है। जबकि इसकी लागत अधिक दर्शाई जा रही है। इसकी अवधि का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह निर्धारित अवधि तक नहीं चल पाएंगे।
तथापि इनकी पेमेंट हायर रखकर भुगतान हो रहा है, जिसमें लगभग 40% से अधिक का भुगतान किया जा रहा है और इसके साथ-साथ मास्ट या पोर्टल की फिक्सिंग के समय भी भविष्य का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
आरई के गलत नीतिगत फैसले से बाद के निर्माण मे करोड़ों रुपये से अधिक रेल राजस्व का नुकसान हो रहा है। वह भी दो वर्ष से भी कम समय की समयावधि में, जो रेलवे के हित में तो कतई नहीं है।
आखिर यह जो पैसा आरई द्वारा अथवा इलेक्ट्रिकल विभाग द्वारा खर्च किया जा रहा है या निर्माण संगठन या फिर आरवीएनएल खर्च कर रहे हैं, सब तो राष्ट्र का ही है। फिर कोई भी निर्माण कार्य संपादन के पूर्व कम से कम 15-20 वर्ष की फ्यूचर प्लानिंग समयावधि क्यों नहीं रखी जा रही है!
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