मानसिक गुलामी, चापलूसी और चमचागीरी की पराकाष्ठा

“अनुचित कार्य-व्यवहार पर लागू होने वाला कंडक्ट रूल अब कहां गया? क्या यह केवल नीचे के कर्मचारियों-अधिकारियों पर ही लागू होता है? जीएम/डीआरएम पर नहीं?”

रेलमंत्री बनने पर अश्विनी वैष्णव के सास-ससुर को बधाई देने फर्जी निरीक्षण कार्यक्रम के बहाने डीआरएम/जयपुर मंजूषा जैन उनकी ससुराल पहुंच गईं!

इसी तरह डीआरएम/जोधपुर गीतिका पांडेय भी रेलमंत्री के माता-पिता को बधाई देने उनके पैतृक निवास पर दल-बल के साथ पहुंचीं!

बताते हैं कि इन दोनों महिला डीआरएम को कंडक्ट रूल के विरुद्ध यह अनुचित कार्य व्यवहार करने का आदेश उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर के कदाचारी महाप्रबंधक ने दिया था।

सरकारी नियमों और शिष्टाचार (प्रोटोकॉल) के जानकारों का कहना है कि “चापलूसी, चमचागीरी और मानसिक दैहिक गुलामी की पराकाष्ठा का यह ज्वलंत उदाहरण है!”

उनका कहना है कि “निरीक्षण के बहाने किया गया यह अनुचित और कथित सौजन्यता का कृत्य, कंडक्ट रूल का खुला उल्लंघन है!”

जानकारों का कहना है कि “मंत्री को इसी तरह से शीशे में उतारकर चापलूसी पसंद और सुविधाभोगी तथा विलासी बनाते हैं यह रेल अधिकारी!”

उनका सीधा सवाल है कि “क्या रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, जीएम/उ.प.रे., डीआरएम/जयपुर और डीआरएम/जोधपुर के विरुद्ध कंडक्ट रूल के उल्लंघन पर अनुशासनिक कार्रवाई करेंगे?”

रेल अधिकारियों में चर्चा है कि डीआरएम/जयपुर मंजूषा जैन और डीआरएम/जोधपुर गीतिका पांडेय को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के सास-ससुर तथा माता-पिता को बधाई देने के लिए जीएम/उत्तर पश्चिम रेलवे आनंद प्रकाश ने भेजा था!

चर्चा यह भी है कि अब इस अनुचित सौजन्यता के इनाम स्वरूप डीआरएम/जयपुर मंजूषा जैन को उत्तर रेलवे का एसडीजीएम/सीवीओ बनाने की तैयारी है!

कुछ रेलकर्मियों का सवाल है कि “अब कहां गया इस अनुचित कृत्य अथवा कार्य-व्यवहार पर लागू होने वाला कंडक्ट रूल? क्या यह रूल केवल नीचे के कर्मचारियों, अधिकारियों पर ही लागू होता है? जीएम/डीआरएम पर नहीं?”

जानकारों का कहना है कि रेल प्रशासन और रेलमंत्री को रेलकर्मियों के उपरोक्त सवाल का जवाब उपरोक्त अनुचित कार्य व्यवहार के लिए जिम्मेदार तीनों अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करके देना चाहिए।

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