डीएम का आदेश मानने को तैयार नहीं सीडब्ल्यूएम/गोरखपुर

एक तरफ रेल प्रशासन ने वैसे ही रेलकर्मियों को लावारिस छोड़ रखा है, दूसरी तरफ सीडब्ल्यूएम, यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर ए. सी. बेसरा भी अपने कर्मचारियों के बच्चों को बेसहारा करने पर तुले हुए हैं!

मुख्य कारखाना प्रबंधक (सीडब्ल्यूएम), यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) गोरखपुर का आदेश मानने को तैयार नहीं हैं।

उन्होंने डीएम के आदेश की खुली अवहेलना करते हुए आज बुधवार, 9 जून से कारखाने में शत-प्रतिशत कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति का उपरोक्त आदेश जारी किया है।

जबकि डीएम ने मंगलवार, 8 जून से गोरखपुर जिले में शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया को लेकर सभी सरकारी कार्यालयों के लिए जो आदेश (पत्र सं. 1543/ओएसडी/कैंप-2021, दि. 08.06.2021) जारी किया है, उसमें सिर्फ फ्रंटलाइन स्टाफ को ही 100% बुलाने के लिए कहा गया है।

देखें, डीएम/गोरखपुर के आदेश का पॉइंट नं. 2

“कोरोना के अभियान से जुड़े फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में पूर्ण (100%) उपस्थिति रहेगी एवं शेष सरकारी कार्यालय अधिकतम 50% उपस्थिति के साथ खुलेंगे तथा जो 50% कर्मी रहेंगे, उनको भी रोटेशन से बुलाया जाएगा। प्रत्येक कार्यालय में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की अनिवार्यता होगी!”

डीएम गोरखपुर के उपरोक्त स्पष्ट आदेश के बावजूद सीडब्ल्यूएम, यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर ने कारखाना कर्मचारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति का आदेश जारी करके डीएम के आदेश का खुला उल्लंघन किया है, जबकि सबको यह बहुत अच्छी तरह पता है कि कारखाना और उसके कर्मचारी फ्रंटलाइन विभाग/स्टाफ में नहीं आते हैं।

एक तरफ रेल प्रशासन ने वैसे ही रेलकर्मियों को लावारिस छोड़ रखा है, दूसरी तरफ सीडब्ल्यूएम/यांत्रिक कारखाना गोरखपुर ए. सी. बेसरा भी अपने कारखाना कर्मचारियों के बच्चों को बेसहारा करने पर तुले हुए हैं।

जब एक सरकारी अधिकारी दूसरे सरकारी अधिकारी का आदेश या दिशा-निर्देश नहीं मानेगा, उसका पालन सुनिश्चित नहीं करेगा, तब लोगों का भला कैसे होगा? और व्यवस्था का सुचारु संचालन कैसे सुनिश्चित होगा?

रेल प्रशासन सहित प्रदेश सरकार द्वारा भी सीडब्ल्यूएम की इस मनमानी का तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए।

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