रेलकर्मियों को 55 साल की आयु या 30 साल की सेवा पर जबरन सेवानिवृत्ति पर जोरदार काम शुरू
अगले तीन महीनों में पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी करके अप्रैल 2020 से रेलकर्मियों की जबरन सेवानिवृत्ति पर अमल करने की तैयारी
रेलकर्मियों को 55 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पूरी करने पर जबरन सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया जोरों पर शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने इस संदर्भ में ‘Strengthning of administration- premature retirement of Railway servants periodical review under 1802(a)/1803(a)/1804(a) of IREC, Vol-II, 1987 edition’ के तहत मंडल स्तर पर ‘स्टैंडिंग रिव्यू कमेटी’ के गठन के संबंध में आरबीई सं.143/2015 दि. 10/12.11.2015 एवं आरबीई सं. 130/2019 के अंतर्गत दि. 8 अगस्त 2019 को सभी जोनल रेलों के लिए पहले ही आदेश जारी कर दिया था।
उपरोक्त विषय के अंतर्गत रेलवे बोर्ड के संदर्भित पत्र दि. 08.08.2019 में दिए गए निर्देशों के अनुसार रेलवे में कार्यरत वैसे कर्मचारी जिन्होंने 55 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पूरी कर ली है, अथवा पेंशन के लिए जिन्होंने 30 साल की अर्हक सेवा अवधि पूर्ण कर ली है, एवं जिनका कार्य (i) inefficiency/ineffectiveness, or (ii) doubtful integrity, or (iii) for conduct unbecoming of a Railway servant की सेवा का पुनरीक्षण (रिव्यू) मंडल स्तर पर जेएजी अधिकारी की गठित रिव्यू कमेटी द्वारा तीन की नोटिस देते हुए निम्न पांच आधारों पर सेवानिवृत्त किया जाएगा-
- APAR dossier
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Personal file
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Work and performance of officer to be assessed by looking into the files dealt with by him or in any papers, or reports prepared and submitted by him
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Uncommunicated remarks in ACRs/APARs may be taken into consideration
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If the officer was promoted during the last 5 years (on the basis of seniority-cum-fitness and not on the basis of merit), the previous entries in the ACRs may be taken into account
संदेहास्पद सत्यनिष्ठा के मामलों में एसडीजीएम की राय आवश्यक होगी
रेलवे बोर्ड ने अपने उपरोक्त निर्देश में स्पष्ट कहा है कि वैसे कर्मचारी, जिनका कार्य संदेहास्पद सत्यनिष्ठा (डाउटफुल इंटीग्रिटी), को भी सेवानिवृत्त किया जाना है, परंतु रिव्यू कमेटी के ऑर्डर पास करने से पूर्व ऐसे मामलों में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक सह मुख्य सतर्कता अधिकारी की राय लिया जाना आवश्यक होगा।
मंडल स्तर पर रिव्यू कमेटी का गठन
चेयरमैन: मंडल रेल प्रबंधक (यदि मंडल रेल प्रबंधक नियुक्ति प्राधिकार है, तो अपर मंडल रेल प्रबंधक चेयरमैन और वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी तथा अन्य जेएजी अधिकारी मंडल रिव्यू कमेटी के सदस्य होंगे)।
सदस्य: मंडल रिव्यू कमेटी में तीन सदस्य होंगे-
- उस विभाग का जेएजी अधिकारी, जिस कर्मचारी को सेवानिवृत्त किया जाना है।
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वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी (यदि कर्मचारी कार्मिक विभाग से संबंधित हैं, तो वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी के अलावा अन्य विभाग के 2 जेएजी अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे)।
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किसी अन्य विभाग के जेएजी अधिकारी।
मंडलों में विभागवार गठित स्टैंडिंग रिव्यू कमेटी का ब्यौरा इस प्रकार है-
पत्र में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार गठित स्टैंडिंग रिव्यू कमेटी वर्तमान एवं आगे के भी सर्विस रिव्यू के प्रकरणों के रूप में कार्य करेगी।
रेलवे बोर्ड के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार उपरोक्त संपूर्ण पुनरीक्षण प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी कर ली जाएगी और इस पर नए वित्त वर्ष यानि अप्रैल 2020 से अमल किए जाने की तैयारी है।