फिर रन ओवर हो गए दो ट्रैकमेन, कहां है रेल सेफ्टी!

रेल संगठन रेलकर्मियों की सुरक्षा-संरक्षा सुनिश्चित करवाने के बजाय अपनी सुख-सुविधाएं बरकरार रखने के लिए सरकार और व्यवस्था की ढ़पली बजा रहे हैं!

आज रविवार, 28 मार्च 2021 को जब पूरा देश होली की त्यौहार मनाने और रंगों की बौछार में खुशियों से झूम रहा है, तब पश्चिम रेलवे, मुंबई सेंट्रल डिवीजन के दो ट्रैकमैन रन ओवर हो गए और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई सेंट्रल डिवीजन के खतगांव और खांडबरा सेक्शन के किमी. सं. 133/2 के आसपास ट्रैक पर काम कर रहे 55 साल और 36 साल के दो ट्रैकमैन ट्रेन नं. 09239, हापा-बिलासपुर स्पेशल की चपेट में आकर रन ओवर हो गए।

ट्रेन के लोको पायलट की सूचना के अनुसार 55 साल वाले ट्रैकमैन की तो तत्काल मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 36 साल वाला ट्रैकमैन काफी गंभीर रूप से जख्मी हुआ है। उसे एम्बूलैंस मंगाकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

पता चला है कि उक्त दोनों ट्रैकमैन खतगांव-खांडबरा सेक्शन में प्वाइंट का गेज मेजरमेंट ले रहे थे, तभी तेज गति से आ रही हापा-बिलासपुर स्पेशल ट्रेन का हार्न नहीं सुनने के कारण रन ओवर हो गए।

अभी 25 मार्च को नालासोपारा-विरार के बीच रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) में आग लग गई थी। रेल में आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, ट्रैक पर काम करने वाले रेलकर्मी आए दिन अपनी जान गंवा रहे हैं और रेल प्रशासन कथित सेफ्टी ड्राइव चलाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है।

जबकि मान्यता प्राप्त रेल संगठन रेलकर्मियों की सुरक्षा-संरक्षा सुनिश्चित करवाने के बजाय अपनी सुख-सुविधाएं बरकरार रखने के लिए सरकार और व्यवस्था की ढ़पली बजा रहे हैं।

परिणामस्वरूप न तो ट्रैक सुरक्षित है, और न ही ट्रैक पर काम करने वाले रेल कर्मचारी सुरक्षित हैं!