निन्फ्रिस: लगेज सैनीटाइजेशन के नाम पर की जा रही हैं यात्रियों की जेबें साफ

#निन्फ्रिस के नाम पर उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन और #कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लगेज सैनिटाइज करने का #टेंडर गुरुग्राम की कंपनी को दिया गया है। इस काम में झोल ही झोल है।

वाणिज्य विभाग द्वारा अवार्ड किए गए इस कॉन्ट्रैक्ट की उपयोगिता की समीक्षा करने अथवा औचित्य जाहिर करने की जरूरत प्रयागराज मंडल की किसी सक्षम अथॉरिटी ने आवश्यक नहीं समझा।

अब स्थिति यह है कि सर्वसामान्य यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर इस कंपनी के स्टाफ द्वारा जबरन घेरकर लगेज सैनिटाइज करने के नाम पर लूटा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि यह सुविधा ऐच्छिक आधार पर शुरू की गई थी, लेकिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन से जो शिकायतें आ रही हैं, वह यात्रियों के शोषण को साबित कर रही हैं।

यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर सैनिटाइजेशन का चार्ज हम क्यों दें? रेलवे क्यों नहीं यह सुविधा फ्री में दे सकती? जबकि कोविड-19 के नाम पर अनाप-शनाप चीजें किराए ली जा रही हैं, जिनका कौन उपयोग नहीं है।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर स्थापित इस लगेज सैनिटाइजेशन कंपनी के स्टाफ द्वारा प्रत्येक यात्री को घेरकर उससे लगेज सैनिटाइजेशन के लिए जबरदस्ती की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जोर-जबरदस्ती के बारे में यात्रियों ने अनेकों शिकायतें संबंधित रेल अधिकारियों से की हैं और स्थानीय मीडिया में भी उनकी इन शिकायतों के बारे में खबरें प्रकाशित हुई हैं।

तथापि संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई, जबकि ट्विटर पर भी यात्रियों द्वारा इस संबंध में लगातार शिकायतें दर्ज की जा रही हैं।

फिर भी यात्रियों की सुनने वाला कोई नहीं है और कंपनी द्वारा उन्हें लगातार जबरन लूटा जा रहा है। जाहिर है कि कंपनी को संबंधित अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है।

सिर्फ यात्रियों का ही नहीं, बल्कि कई रेलकर्मियों का भी यही मानना है कि इस प्रकार का अदूरदर्शितापूर्ण कॉन्ट्रैक्ट निन्फ्रिस (#NINFRIS) के तहत दिया ही नहीं किया जाना चाहिए था।

उनका कहना है कि मंडल प्रशासन को इस प्रकार के सभी कॉन्ट्रैक्ट्स की अविलंब पुनर्समीक्षा करनी चाहिए।