विकास: “डग्गामार निजी परिवहन प्रणाली” में तब्दील हो रही “राष्ट्रीय रेल परिवहन प्रणाली”
पिछले कुछ सालों से रेलवे में लगभग सारे काम बेकायदे से हो रहे हैं। परंतु कहीं कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।
कोरोना के नाम पर नियमित ट्रेनें मार्च 2020 से बंद हैं। जहां सब तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट खोल दिया गया है, वहीं रेल आज भी पूर्ववत चालू नहीं की गई है।
यात्री सुविधा के नाम पर स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही हैं, जिनमें पूरी ऑक्युपैंसी इसलिए नहीं हो पा रही है, क्योंकि उनके बारे में यात्रियों को ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
यात्रियों की यात्रा संबंधी सभी रियायतें लगभग खत्म कर दी गई हैं। तथापि “यात्री सुविधा” के मद में वर्तमान मंत्री के कार्यकाल में कितना खर्च किया गया, इसके आकलन और आंकड़े रेलमंत्री सेल को उपलब्ध कराने की कसरत सभी जोनों और मंडलों से लगातार कराई जा रही है।
पूरी भारतीय रेल में पूरी तरह आपाधापी की स्थिति है। कहीं कोई जिम्मेदारी लेने वाला इसलिए नहीं है, क्योंकि मंडलों के सभी ब्रांच अफसरों से लेकर सभी जोनों के महाप्रबंधक और विभाग प्रमुख सहित रेलवे बोर्ड के सभी मेंबर्स को लगातार अनुत्पादक ऑनलाइन मीटिंग्स और अनावश्यक कार्यों में उलझाकर रखा गया है।
कहने को रेल में सब काम हो रहे हैं, सिवाय पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन के, जो कि भारतीय रेल का सर्वप्रथम और मुख्य कार्य है।
किसी भी गाड़ी का टाइम टेबल बिना पर्याप्त जानकारी दिए बदल दिया जा रहा है।
यात्रियों को हो रही परेशानी से संत्री से मंत्री तक किसी को कोई परवाह नहीं है।
इस समय रेलवे में सब कुछ बेकायदे के काम हो रहे हैं
कोरोना के नाम पर नियमित ट्रेनें मार्च'20 से बंद हैं
यात्री सुविधा के नाम पर स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही हैं
सभी रियायतें लगभग खत्म कर दी गई हैं
पूरी तरह आपाधापी की स्थिति है
किसी भी गाड़ी का टाइम टेबल बिना पर्याप्त जानकारी दिए/२ pic.twitter.com/CM5WJiITlk— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) December 6, 2020
अधिकांश यात्रियों की ट्रेनें छूट जा रही हैं, परंतु कोई देखने सुनने वाला नहीं है।
एक वह भी समय था जब हर साल जुलाई/अगस्त में रेलवे के #टाइमटेबल में बदलाव होता था और इसके लिए हर यात्री जेहनी तौर पर तैयार रहता था।
इसके अलावा इसकी सूचना भी बहुत पहले से यात्रियों को विभिन्न माध्यमों से दी जाती थी, लेकिन अब मात्र 2-3 दिन पहले बिना किसी बात की परवाह किए मनमानी तरीके से गाड़ियों के टाइम में बदलाव कर दिया जा रहा है।
यात्रियों को होने वाली परेशानी रेलमंत्री, सीसीईओ सहित जिम्मेदार रेल अधिकारियों की बला से!
2. बदल दिया जा रहा है
अधिकांश यात्रियों की ट्रेनें छूट जा रही हैं
एक समय था जब प्रतिवर्ष जुलाई/अगस्त में रेलवे #टाइमटेबल में बदलाव होता था जिसकी सूचना बहुत पहले से यात्रियों को विभिन्न माध्यमों से दे दी जाती थी लेकिन अब 2-3 दिन पहले ही मनमानी तरीके से गाड़ियों के टाइम में बदलाव/3 pic.twitter.com/yfPV8MHP4r— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) December 6, 2020
यात्रियों को सोशल मीडिया, प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निर्भर रहने को कहा जा रहा है। तथापि इन माध्यमों पर भी समय पर सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा पा रही है।
इतनी लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का आलम 2014 से पहले भारतीय रेल में कभी नहीं देखा गया।
कुल मिलाकर रेल को #देश की #राष्ट्रीय #परिवहन प्रणाली से #डग्गामार परिवहन प्रणाली में तब्दील किया जा रहा है। देश में पिछले सात सालों में शायद यही सबसे बड़ा #विकास हुआ है!
उधर #मोहम्मद-बिन-पिगो उर्फ रेलमंत्री को फुर्सत नहींं है, क्योंकि वह चार-चार केंद्रीय मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और प्रधानमंत्री की चापलूसी करने का कोई अवसर नहीं गंवा रहे, सो अलग, जबकि सीसीईओ/रेलवे उर्फ #मोहम्मद-बिन-विकु, महाप्रबंधकों तथा डीआरएम्स को व्हाट्सएप मैसेज देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
3.कर दिया जा रहा है
यात्रियों को सोशल मीडिया, प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निर्भर रहने को कहा जा रहा है
कुल मिलाकर #रेल को देश की #राष्ट्रीय #परिवहन प्रणाली से #डग्गामार परिवहन प्रणाली में तब्दील किया जा रहा है
उधर #MohBinPiGo को फुर्सत नहीं और #MohBinViku, GMs को Msg कर रहे हैं pic.twitter.com/Zt2b8ulTdq— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) December 6, 2020
नई दिल्ली, टाटानगर सहित देश भर के कई बड़े रेलवे स्टेशनों पर गाड़ियां छूट जाने के बाद यात्रियों द्वारा किए गए भारी हंगामे के पश्चात चेयरमैन एवं सीईओ/रेलवेज विनोद कुमार यादव द्वारा महाप्रबंधकों और डीआरएम को भेजा गया व्हाट्सएप मैसेज –
#IMPORTANT/ #URGENT
Good Evening
Request GMs/DRMs to please see personally that this type of problem is not repeated.
Any change In time table should be given wide publicity and sufficient time.
Now, we are having only reserved tickets.
The message should go to each passenger through #CRIS – #SMS and voice messages.
SrDCM to pls ensure good publicity.
Regards
Vinod Yadav
#GMs/#DRMs to pls see personally that this type of problem is not repeated
Any change in #timetable should be given wide #publicity & sufficient time
Now, having only reserved tkts, the msg should go to each passenger through #CRIS_SMS & voice msgs#SrDCM to ensure good publicity pic.twitter.com/I5uA548FWp— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) December 6, 2020
अपने-अपने हित साधन में चुप्पी साधे दोनों फेडरेशन
इधर ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (#AIRF) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (#NFIR), जो कि भारतीय रेल के साढ़े तेरह लाख रेलकर्मियों की भाग्यविधाता हैं, के पास कोई रेलवे में मची निजीकरण की अफरातफरी और असमंजस और अस्थिरता के वातावरण में रेल कर्मचारियों के कल्याण की रणनीति दिखाई नहीं दे रही है।
#रेल की #बरबादी रोकने के लिए इन दोनों #फेडरेशनों ने मीडिया में हाय-तौबा करने के सिवा आजतक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया।
हालांकि अब #रेलकर्मी भी समझ चुके हैं कि सरकार के चरणों में अपना जमीर-ईमान गिरवी रख चुके ये #फेडरेशन पदाधिकारी उनके हित में नहीं, बल्कि अपना हित बनाए रखने की #रणनीति में लगे हुए हैं!
#AIRF और #NFIR के पास कोई रणनीति नहीं है#रेल की #बरबादी रोकने के लिए दोनों #फेडरेशनों ने मीडिया में हाय-तौबा करने के सिवा कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया
अब #रेलकर्मी भी समझ चुके हैं कि अपना जमीर-ईमान बेच चुके ये लोग उनके हित में नहीं बल्कि अपना हित बनाए रखने की #रणनीति में लगे हैं! pic.twitter.com/c5SLEW6eE2— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) December 6, 2020
प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी