एक नई रेलमपेल!!!
5 वाट का बल्ब उत्तर रेलवे खरीदेगी सिर्फ 662 रुपये में!
662 रुपये का एक बल्ब, यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही
नीरो बनकर बांसुरी बजा रहे हैं पीयूष गोयल, उधर जल रहा है रोम
रेलमंत्री पीयूष गोयल की रेल में अधिकारी खुलेआम लूटपाट और डकैती से बाज नहीं आ रहे।
उत्तर रेलवे के विद्युत विभाग ने 5 वाट का एलईडी बल्ब खरीदने के लिए लगभग 6 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला है।
5 वाट का यह एलईडी बल्ब पीयूष गोयल की उत्तर रेलवे सिर्फ 662 रु. में खरीदेगी।
बाजार में #OSRAM नामक कंपनी दुनिया की मानी जानी कंपनी है, जो विश्व स्तरीय एलईडी बल्ब बनाती है। इस कंपनी का अच्छे से अच्छा 5 वाट का बल्ब 70 रु. से लेकर 110 रु. तक में खुले बाजार में फुटकर बिक्री के लिए उपलब्ध है।
माना कि रेलवे में सुरक्षा मानक कुछ कड़े होते हैं। फिर भी 662 रु का एक बल्ब? यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही है।
पीयूष गोयल जी, आप नीरो बनकर बांसुरी बजाते रहोगे, उधर रोम जल जाएगा।
भीलों ने बांट लिए बन,
राजा को खबर तक नहीं!
रानी हुई बदचलन,
राजा को भनक तक नहीं!!
उपरोक्त खबर प्रकाशित होने के बाद पीसीईई, उत्तर रेलवे की तरफ से निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किया गया-
This is NIT for procurement and fitment of LED lamps through open tender. The lamp is to be procured as per ICF specification from ICF approved sources.
The tender is scheduled to open on 18.11.19. The estimate has been prepared by considering the least value of the three Purchase orders. Copy enclosed.
Further, this item is also on GeM by one of the ICF approved source where the rate has been mentioned Rs 845/-. Copy enclosed.
https://mkp.gem.gov.in/led-tube-railway-coaches-retrofitment/led-retrofitment-railway-coaches-5w/p-5116877-6143565942-cat.html
This is an open tender and one is free to quote the most competitive price and the work shall be awarded to lowest suitable offer.
The specification of ICF is different and more stringent that that available in open market as it involves passenger’s safety.
Further, the warranty is 5 years. In open market we may get Chinese LED tubes in 30-40 rupees also.
इसके अलावा उन्होंने तीन रेलों के टेंडर्स का भी हवाला दिया है। जिनमें से सीनियर डीएमएम, नागपुर मंडल द्वारा समान आइटम 745 रु. में और डिप्टी सीएमएम, मैकेनिकल स्टोर्स डिपो, गार्डेन रॉक, दक्षिण रेलवे ने 695 रु. में तथा प्रिंसिपल सीएमएम, दक्षिण पश्चिम रेलवे, हुबली ने 591 रु. में खरीदा गया।
प्रिंसिपल सीईई/उ.रे. ने अपने स्पष्टीकरण में बार-बार इस बात को दोहराया है कि ऐसे सभी आइटम रेलवे बोर्ड की गाइडलाइंस के अनुसार आईसीएफ या आरडीएसओ से अप्रूव्ड वेंडर्स और सप्लायर्स से ही खरीदे जाते हैं। यह बात हर टेंडर में भी लिखी जाती है। ऐसे में पहला सवाल यह उठता है कि वेंडर्स लिस्ट इतनी छोटी क्यों है? दूसरा सवाल यह है कि क्यों नहीं हर आइटम के लिए 15-20-25 वेंडर्स का अप्रूवल किया जाता, जिससे हर टेंडर में कंपीटिशन ज्यादा से ज्यादा हो और संबंधित अधिकारियों को कमीशनखोरी का मौका कम से कम मिले या उसकी संभावना ही सिरे से समाप्त की जाए!
यदि ऐसा नहीं हो रहा है, तो निश्चित रूप से यही माना जाएगा कि अपनी कमीशनखोरी के लिए ही वेंडर्स लिस्ट को जानबूझकर छोटा रखा जाता है, जैसा कि पॉवर कार मेंटीनेंस के मामले में हो रहा है, जिसमें ओईएम का वर्चस्व बनाए रखने के लिए अन्य किसी को भी घुसने नहीं दिया जा रहा है और इसे नीचे से ऊपर तक सभी का समर्थन प्राप्त है, फिर भी आए दिन पॉवर कारों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, इसका क्या अर्थ निकाला जाए? क्रमशः