अफसर प्रतिदिन एक बार अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करें -जीएम/द.रे.

“जिस तरह कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है, उससे कोई नहीं जानता कि कौन कब संक्रमित हो जाएगा” -जीएम/द.रे.

चेन्नई : दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक जॉन थॉमस ने अपने सभी अधिकारियों से कहा है कि “वह एक-एक पल्स ऑक्सीमीटर खरीदें और हर दिन कम से कम एक बार अपने ऑक्सीजन लेवल की अवश्य जांच करें।”

जीएम/द.रे. ने अपने मातहत सभी अधिकारियों को उपरोक्त सुझाव दो दिन पहले भिलाई लोको शेड के सीनियर डीईई डी. के. सोनवानी की कोविड से हुई असामयिक मृत्यु के मद्देनजर दिया है।

उल्लेखनीय है कि सीनियर डीईई/भिलाई लोको शेड डी. के. सोनवानी वर्ष 2000 बैच के आईआरएसईई अधिकारी थे। वह भिलाई में एक निजी फ्लैट में रहते थे। उनकी आवासीय सोसायटी में काफी लोग परीक्षण में कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके चलते उनको भी कोरंटीन किया गया था, परंतु उनका मेडिकल परीक्षण नहीं किया गया था।

दो दिन पहले सोनवानी को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर उन्हें एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई।

जीएम/द.रे. ने मातहत अधिकारियों को भेजे गए अपने एक संदेश में कहा कि सोनवानी के सीटी स्कैन से पता चला है कि उनके फेफड़ों में काफी इंफेक्शन था, जिससे उनको कोविड-19 से संक्रमित होना बताया गया है।

उन्होंने संदेश में अपने अधिकारियों से कहा कि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि सभी अधिकारी एक-एक पल्स ऑक्सीमीटर खरीद लें और प्रतिदिन कम से कम एक बार अपना ऑक्सीजन लेवल अवश्य चेक करें।

उन्होंने कहा कि जिस तरह कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है, उससे हममें से कोई नहीं जानता कि कौन कब संक्रमित हो जाएगा।

WhatsApp msg👇given by GM/SR

“Today there has been the death of an IRSEE officer D. K. Sonwani of 2000 batch who was working as SrDEE of Bhilai loco shed. He was staying in a private flat . As a number of people in his block had tested +ve for COVID he was under quarantine but not tested. Yesterday night he complained of breathlessness and was admitted to a private hospital where he died . His CT scan shows infection in the lungs suggestive of COVID 19. I feel all officers should buy a pulse oximeter and check oxygen saturation once everyday. With COVID 19 spreading we dont know when any of us will get infected”.

#GM_SRly

उपरोक्त उल्लेखित मैसेज के संदर्भ में जीएम/द.रे. जॉन थॉमस को दो बार उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया, परंतु उन्होंने कॉल रेस्पॉन्ड नहीं किया। व्हाट्सएप पर उक्त मैसेज फॉरवर्ड करके भी उनसे उसकी पुष्टि करने को कहा गया, पर उस पर भी उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

दरअसल, जीएम/द.रे. जॉन थॉमस से यह पूछा जाना जरूरी था कि अधिकारियों के स्वास्थ्य के लिए उनकी चिंता जायज और स्वाभाविक है, परंतु यही चिंता उन्होंने रेलकर्मियों के लिए क्यों नहीं की, जो लगातार संक्रमित हो रहे हैं? जीएम/द.रे. से यह सवाल इसलिए भी पूछा जाना जरूरी है, क्योंकि दक्षिण रेलवे के एकमात्र मान्यताप्राप्त संगठन को भी न तो रेलकर्मियों की कोई फिक्र है, और न ही जीएम से कुछ पूछने की उसकी हिम्मत होती है!