रेलमंत्री और सीआरबी बताएं कहां हैं आइसोलेशन कोच
अब जरा बड़बोले रेलमंत्री और री-एंगेज्ड सीआरबी ये भी बता दें कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए रेलवे ने जितने कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला था, उनका क्या हुआ?
कहां-कहां और कितना इस्तेमाल हुआ उन कोचों का? अब किस हालत में और कहां हैं वह सारे कोच?
अब उनका दोबारा इस्तेमाल हो पाएगा या कंडम कर दिए जाएंगे? और इस बड़े नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा?
इस मद में रेलवे ने कितना खर्च किया, यह भी बताएं रेलमंत्री और सीआरबी? आखिर अब उन कोचों को कोई भी इस्तेमाल करने के लिए तैयार क्यों नहीं है?
भांड़ मीडिया के माध्यम से ऐसा बोगस प्रचार किया गया था, मानो रेलवे ने कोरोना की पूरी जंग जीत ली हो, जबकि हकीकत ये है कि आइसोलेशन कोच ही जंग खा रहे हैं।
अब कहां गई “भांड़ मीडिया” की वह टीम, जो सुविधा शुल्क लेकर रेल मंत्रालय के कहे अनुसार प्रचार-प्रसार में लगी हुई थी, या लगाई गई थी?
सच्चाई यही है कि अधिकतर मीडिया हाउस ने अपना जमीर बेच दिया है।
आज रेल गाड़ियों का नियमित संचालन जानबूझकर नहीं किया जा रहा है और जानबूझकर रेलवे को गर्त में ढ़केला जा रहा है, लेकिन किसी भी मीडिया द्वारा इसको प्रमुखता नहीं दी जा रही है।
केवल उतना ही प्रकाशित किया जा रहा है जितनी हड्डी थाली में परोसी जा रही है। नमूना हाजिर है-
Niti Aayog queries railways’ claim of zero deaths