उत्तर मध्य रेलवे ने यात्री सेवाओं के सुधार के क्षेत्र में पूर्ण किये कई महत्वपूर्ण कार्य
प्रयागराज ब्यूरो : कोविड -19 महामारी के वर्तमान चरण के दौरान उत्तर मध्य रेलवे ने स्टेशनों और ट्रेनों में यात्री सुविधाओं के सुधार के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। प्रयागराज जंक्शन पर नवीन क्यूआर कोड आधारित संपर्क रहित टिकट जाँच प्रणाली लागू करने और माघ मेला-2020 के दौरान पहली बार मोबाइल यूटीएस की तैनाती के अतिरिक्त, रेलयात्रियों के लिये आरक्षित एवं अनारक्षित टिकटों की सुविधा को और सरल बनाने के दृष्टिगत, अब तक 86 जन साधरण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबीएस) एजेंट, 310 स्टेशनों पर अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के काउंटर, 64 स्टेशनों पर यूटीएस सह पीआरएस सेवा, डाकघरों में 5 पीआरएस केंद्र, यात्रियों के लिए आरक्षित और अनारक्षित टिकटों की आसानी के लिए 139 ई श्रेणी के स्टेशनों पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट, 55 स्टेशनों पर 147 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम), महोबा क्षेत्र में यात्री टिकट सुविधा केंद्र आदि की सुविध प्रदान की है।
रेल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के दृष्टिगत उत्तर मध्य रेलवे ने 4 और स्टेशनों को सीसीटीवी सर्विलांस से लैस किया और कानपुर सेंट्रल एवं आगरा फोर्ट स्टेशनों पर नए सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापित की गई है।
यात्री घोषणा प्रणाली अब उत्तर मध्य रेलवे के 67 स्टेशनों पर उपलब्ध है। उत्तर मध्य रेलवे ने विभिन्न महत्वपूर्ण स्टेशनों पर अब तक 30 एस्केलेटर और 21 लिफ्ट लगाई जा चुकीं हैं तथा चालू वित्त वर्ष के दौरान 8 एस्केलेटर और 12 लिफ्टों को स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
निर्बाध डिजिटल अनुभव के लिए वाई-फाई की सुविधा अब उत्तर मध्य रेलवे के 202 स्टेशनों पर उपलब्ध करा दी गई है। यात्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, हावड़ा-ग्वालियर चंबल एक्सप्रेस को आगरा कैंट और इंदौर-खजुराहो एक्सप्रेस का एक ओर प्रयागराज और दूसरी ओर डॉ अंबेडकरनगर स्टेशनों तक विस्तार किया गया है, यह विस्तार यात्री सेवाओं के नियमित संचालन के प्रारम्भ होने की तिथि से लागू होंगी।
वर्ष 2020-21 के दौरान अघोरीखास और सरसोकी स्टेशनों पर दिव्यांग जनों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। विभिन्न स्टेशनों पर अब तक 90 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जा चुकी हैं तथा 59 और मशीनें लगाकर अन्य स्टेशनों पर भी इस सुविधा को उपलब्ध कराया जा रहा है।
यात्री गाड़ियों के समयबद्ध और सुगम परिचालन को ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे द्वारा परिचालनिक क्षमता में आ रही अड़चनों को दूर करना सदैव ही मुख्य लक्ष्य रहा है और उत्तर मध्य रेलवे की 60000 पुरुष और महिला रेलकर्मियों की मजबूत टीम ने वर्तमान संकट के दौर को अपने अथक प्रयास से अवसर में बदल लिया है।
रेलपथ तथा अन्य परिसंपत्तियों में अपेक्षित इनपुट से गाजियाबाद-पं. दीनदयाल उपाध्याुय जं. और पलवल-ललितपुर खण्डों की सेक्श नल गति को बढ़ाकर 130 कि.मी. प्रति घंटा कर दिया है । इसी प्रकार से ललितपुर-बीना तथा मानिकपुर-लिंक जं. खण्डों की भी खण्ड की गति को बढ़ाकर अब क्रमश: 120 कि.मी. प्रति घंटा तथा 110 कि.मी. प्रति घंटा कर दिया गया है।
इससे इन खण्डों में गाड़ियों की गति में काफी वृद्धि होगी। गाड़ियों की गतिशीलता बढ़ाने के दृष्टिगत प्रयागराज मंडल के 2 स्थायी गति प्रतिबंधों को रिलैक्स किया गया है तथा कानपुर और गोविंदपुरी स्टेशनों की यार्ड रिमॉडलिंग के महत्व पूर्ण कार्य को भी पूरा कर लिया गया है, जिससे अब वहाँ गायों का सुचारु और डिटेंशन रहित संचालन सुनिश्चित हो सकेगा।
कोविड-19 महामारी के दौरान अपने सम्मानित यात्रियों की सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना उत्तर मध्य रेलवे का प्रमुख लक्ष्य है। यात्रियों को कोविड-19 से बचाव के प्रति जागरुक करने के अतिरिक्त प्रत्येक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग और उनके सामान को सेनिटाइज करना भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
रोलिंग स्टॉक रखरखाव टीम द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विशेष ट्रेन के रूप में प्रयोग की जाने वाली सभी रेकों को गहन रूप से सैनिटाइज किया जाए और इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संरक्षा सम्बंधी जांच की जा रही है।
उत्तर मध्य रेलवे के सभी 16 एलएचबी रेकों के एचओजी में रूपांतरण के परिणाम स्वरूप, 75000 लीटर एचएसडी की सालाना बचत के साथ-साथ स्टेशन परिक्षेत्र में ध्वनि और वायु प्रदूषण में भी कमी आई है।