लॉकडाउन: बिना दिखावे के मानव सेवा में लगे सुरेंद्र शर्मा

मनुष्यता की मिसाल कायम कर रहे हैं सुरेंद्र शर्मा और उनके सहयोगी

समस्त ब्राह्मण सेवा समाज कल्याण (सामाजिक संस्था) के सचिव श्री सुरेंद्र शर्मा, इस लॉकडाउन पीरियड में, जब मनुष्य तो क्या, पशु-पक्षी भी भूख-प्यास से इधर-उधर भटक रहे हैं, तब बिना किसी दिखावे के लगातार मानव सेवा में लगे हुए हैं।

श्री शर्मा मध्य रेलवे, मुंबई मंडल में मुख्य लोको निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। स्वयं की दो बार एंजियोप्लास्टी हो जाने के बावजूद भी वह कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की इस भीषण आपदा में असहाय और जरूरतमंद लोगों की दुर्दशा के बारे में सोचकर स्वयं को घर में रोक न सके।

श्री शर्मा के अनुसार उनके पास दो विकल्प थे, पहला यह कि इस क्षेत्र में कार्यरत किसी संस्था को अपनी ओर से ₹1100 या ₹2100 देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाए, या फिर मेरे जैसे अनेकों लोग आत्मिक रूप से गरीबों का दुख महसूस कर रहे होंगे, परंतु अकेला चना कैसे भाड़ फोड़ सकता है, यह सोचकर और अपने दिल को तसल्ली देकर चुपचाप बैठे रहा जाए।

तथापि दोनों विकल्पों को छोड़कर श्री शर्मा ने व्हाट्सएप पर एक छोटी सी अपील बनाकर डाली। उसका यह असर हुआ कि ब्राह्मण वर्ग के साथ-साथ उनके सहकर्मियों ने भी इंसानियत में सहयोग का हाथ बढ़ाया और उन्हें इसका पर्याप्त रेस्पॉन्स मिला। इस तरह 44 लोगों ने अलग-अलग तरह से सहयोग दिया। किसी ने खाद्य सामग्री दी, तो किसी ने पैसा दिया।

अब प्रश्न यह था कि इसका वितरण कैसे किया जाए। यदि पकाकर बांटते हैं, तो बनाने वाला, उससे संबंधित सामग्री, अन्य साधन, जगह कहां निश्चित हो, आदि की कई समस्याएं थीं। लॉकडाउन पीरियड में सोशल डिस्टेंस का पालन करना भी जरूरी है। मैनपावर कैसे जुटाएं! ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था कैसे होगी, आदि आदि अनेकों विचार कौंध रहे थे।

चूंकि सुरेंद्र शर्मा अधिक से अधिक पैसों का सामान जुटाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का विचार लेकर चल रहे थे। अतः मजदूरी, ट्रांसपोर्टेशन आदि में अपने थोड़े से फंड का बड़ा हिस्सा गंवाना नहीं चाहते थे। ऐसी स्थिति में सूझबूझ के साथ सही व्यक्ति तक सहायता पहुंचे, इस विचार से उन्हें सबसे पारदर्शी और सही जगह कल्याण गुरुद्वारा ही लगी।

गुरुद्वारे के माध्यम से ही कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका द्वारा भी हर दिन दोपहर और शाम को करीब 1200 खाने के पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं। गुरुद्वारे से ही सीधे तौर पर जाने कितने लोग खाना ले जा रहे हैं। अनेकों सेवादार रात-दिन सेवा में लगे हैं। पेट भर स्वादिष्ट खाना हर जरूरतमंद तक खुशी-खुशी और उत्साहपूर्वक पहुंचाने की तमन्ना लेकर वहां एक पूरी टीम लगातार काम कर रही है।

ऐसे में सुरेंद्र शर्मा ने भी कल्याण गुरुद्वारा का चयन कर वहीं अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया। साथीगण राशन और पैसे से मदद कर रहे थे। इस तरह से शर्मा द्वारा 27 मार्च, 1 अप्रैल, 9 अप्रैल, 12 अप्रैल, 18 अप्रैल, और 20 अप्रैल 2020 को, इस तरह धीरे-धीरे 1835 किलो आटा, दाल, चावल, चीनी, गेहूं, तेल, मसाले आदि का सहर्ष सहयोग दिया गया।

इसके साथ ही ठेठ आदिवासी गांव, फलेगांव आदिवासी पाड़ा तथा रूंदा गांव तथा अनाथ आश्रम में जरूरतमंदों का सहयोग कर आत्मिक संतुष्टि हासिल की। इसके अलावा उन्होंने लीला पुरुषोत्तम गौशाला कल्याण की गायों के लिए चारे की व्यवस्था भी करवाई।

कल्याण गुरुद्वारे के सेवादार सरदार श्री मनिंदर सिंह जी, सरदार श्री राजू सिंह जी और श्री गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा सुरेंद्र शर्मा को हरसंभव सहयोग प्राप्त हुआ तथा श्री गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा उनका पर्याप्त उत्साहवर्धन भी किया गया।

श्री शर्मा की इस सद्भावना यात्रा में उनके सभी सम्मानित सहयोगी, उनके परिवारिक सदस्य, समाजसेवी डॉ ब्रजेश सारस्वत, कान्यकुब्ज मंडल मुंबई के ट्रस्टी एवं समाजसेवी श्री करुणा शंकर शुक्ला, समाजसेवी श्री राधेश्याम अवस्थी आदि सहायक सिद्ध हुए।

सुरेंद्र शर्मा ने बार-बार मानव सेवा की इच्छा रखते हुए अपने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है।