कोरोना ने साबित की सरकारी क्षेत्र की अहमियत

साबित हुई आरपीएफ और मेडिकल विभाग की भूमिका

आज #कोरोनावायरस की महामारी जैसी स्थिति पर एक नजर पुरानी राकेश मोहन कमेटी और नई बिवेक देबराय कमेटी की रिपोर्ट और ऐसी ही अन्य तथाकथित रेलवे एक्सपर्ट कमेटियों की रिपोर्ट्स पर डाली जाए और जरा सोचें कि यदि –

जिन दो विभागों- आरपीएफ एवं मेडिकल- को रेलवे के लिए बोझ मानकर उन्हें रेलवे से अलग करने को कहा जा रहा था, उनके अतिरिक्त आज और कौन सा विभाग अपनी जान जोखिम में डालकर भारी जोखिम के बावजूद काम कर रहा है।

रेलवे के पहिये थम गए और लगभग प्रत्येक रेलगाड़ी जहां की तहां खड़ी है। इस समय जब सबको घर के अंदर रहने के लिए कहा जा रहा है, तब 24 घंटे घर से बाहर रहकर इन रेलगाड़ियों और रेल संपत्तियों की सुरक्षा कौन कर रहा है?

सभी टिकट काउंटर सील हो चुके हैं। इनकी सुरक्षा रेलवे का कौन सा विभाग कर रहा है?

बाहर से आने-जाने वाले संदिग्ध/संक्रमित यात्रियों के पास खड़े होकर उनकी स्क्रीनिंग कौन कर रहा है?

आने वाले समय मे रेलवे में यदि सब कुछ प्राइवेट हो जाएगा, तब जनसामान्य के लिए कोई आगे नही आएगा, क्योंकि आज सिर्फ सरकारी अस्पताल काम कर रहे हैं।

आज जब इस भारी संकट के समय प्राइवेट हॉस्पिटल गायब हो चुके हैं। उनका कहीं कोई योगदान नहीं दिखाई दे रहा है, तब सभी सरकारी अस्पताल और सारा पैरा मेडिकल स्टाफ ही काम कर रहा है।

आज जहां निजी क्षेत्र का कहीं अता-पता नहीं है, तब समस्त सरकारी अमला ही जनता की देखभाल कर रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकारी संस्थानों के निजीकरण का क्या औचित्य है और यह किसके फायदे के लिए किया जा रहा है?

Be #responsible #citizen and #support the #Cleaning_staff, #RPF_Staff and #Medical_Staff in this critical situation.

GS/#AIRPFA #USJha given a message to all #RPF_Staff on #COVID19

President/AIRPFA S. R. Reddy also congratulated to all RPF Staff for helping public and passengers