डिप्टी चीफ इंजीनियर ने की कांट्रेक्ट कंपनी के सुपरवाइजर के साथ मारपीट
कोई क्लास वन अधिकारी अचानक असामाजिक तत्व कैसे बन सकता है?
डिप्टी चीफ इंजीनियर-2/कंस्ट्रक्शन, शिवाजी ब्रिज, नई दिल्ली, उत्तर रेलवे, शिव ओम द्विवेदी, मंगलवार, 25 फरवरी को मुजफ्फरनगर क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने गए थे। बताते हैं कि काम की धीमी प्रगति देखकर उन्होंने ठेकेदार कंपनी स्वास्तिक एसोसिएट के साइट सुपरवाइजर कुंवरवीर के साथ कथित रूप से मारपीट की।
कुंवरवीर द्वारा इस घटना की लिखित शिकायत जीआरपी मुजफ्फरनगर थाने में की गई। शिकायत में लिखा गया है कि उसकी कंपनी द्वारा बामन हेड़ी, रोहाना तल्हेड़ी और बागल स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वह अपना काम खत्म करके जब घर जा रहा था, तभी बामन हेड़ी स्टेशन के पास रुड़की रोड पर शाम के करीब 18.15 बजे रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर शिव ओम द्विवेदी ने उसे रोककर अपनी गाड़ी में बैठाया और बामन हेड़ी स्टेशन पर ले जाकर उसके साथ मारपीट की।
फोन पर संपर्क किए जाने पर कुंवरवीर ने उपरोक्त घटना और शिकायत की पुष्टि भी की है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने द्विवेदी को काफी समय तक थाने में बैठा कर रखा और बाद में उनके गलती स्वीकार करने तथा माफी मांगने पर छोड़ दिया।
इसके बाद जब मोबाइल पर संपर्क करके घटना के बारे में डिप्टी चीफ इंजीनियर द्विवेदी से उनका पक्ष पूछा गया तो उन्होंने सिरे से इंकार करते हुए कहा कि न तो ऐसी कोई घटना हुई है और न ही उन्होंने किसी के साथ कोई मारपीट की है।
हालांकि, कंपनी के सुपरवाइजर की लिखित शिकायत इस घटना का पर्याप्त प्रमाण है कि घटना तो हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में यह भी पता चला है कि आरक्षित वर्ग के कई अधिकारी भी वर्ग भेद के चलते दो गुटों में बंट गए हैं।
जानकारों का मानना है कि यदि कार्य की अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है, तो संबंधित कांट्रेक्टर के विरुद्ध कांट्रेक्ट एग्रीमेंट के अनुसार उचित दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि उसके सुपरवाइजर के साथ मारपीट! उधका यह भी कहना था कि किसी भी अधिकारी का ऐसा आचरण कदापि मान्य नहीं हो सकता है।
बहरहाल, किसी अधिकारी को किसी पर हाथ उठाने और मारपीट या गाली-गलौज करने का अधिकार नहीं है, फिर भले ही वह उसका मातहत हो अथवा कोई बाहरी, कांट्रेक्टर का आदमी ही क्यों न हो!
रेल प्रशासन को इस घटना का गंभीर संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध उचित अनुशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए।