आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध कराना इंजीनियरिंग विभाग का दायित्व है -एस.के.पांडेय, पीसीई/एनईआर
“ग्रीष्मकाल में आवश्यक सावधानियां तथा कार्यस्थल पर संरक्षा” विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन
ट्रैक रिन्यूअल के निर्धारित लक्ष्य निर्धारित समय पर हर हाल में प्राप्त किए जाने चाहिए -पीसीई
गोरखपुर : इंस्टीट्यूट ऑफ परमानेंट-वे इंजीनियर्स (इंडिया) के नार्थ इस्टर्न रेलवे सेंटर, गोरखपुर के तत्वाधान में “ग्रीष्मकाल में आवश्यक सावधानियां तथा कार्यस्थल पर संरक्षा” विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन पूर्वोत्तर रेलवे, इंजीनियरिंग विभाग के सभाकक्ष ‘मंथन’ में सोमवार, 24 फरवरी को किया गया।
यह संगोष्ठी पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य इंजीनियर तथा आईपीडब्ल्यूई-आई/एनईआर सेंटर के चेयरमैन एस. के. पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य परियोजना निदेशक/स्टेशन विकास एस. के. मिश्रा, मुख्य परियोजना निदेशक/पुल वी. पी. अवस्थी, मुख्य रेलपथ इंजीनियर रामजनम तथा मुख्य पुल इंजीनियर वी.के.गुप्ता सहित मुख्यालय एवं मंडलों के इंजीनियर उपस्थित थे।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रमुख मुख्य इंजीनियर एस. के. पांडेय ने कहा कि कार्यक्षेत्र में विस्तार के सापेक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराना इंजीनियरिंग विभाग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा इस दिशा में कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि सारे सेक्शनों की समीक्षा कर आवश्यक कर्मचारियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाए, जिससे मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चत की जा सके।
पीसीई पांडेय ने कहा कि आउटसोर्सिंग द्वारा किए जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव समस्त अपेक्षित सूचना के साथ भेजा जाना आवश्यक है, जिससे उसकी तकनीकी समीक्षा में विलंब न हो। उन्होंने अगले वर्ष के ट्रैक रिन्यूअल लक्ष्यों की चर्चा करते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्य हर हाल में प्राप्त किए जाएं। संगोष्ठी केे विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य रेलपथ इंजीनियर एवं आईपीडब्ल्यूई-आई/एनईआर सेंटर के वाइस चेयरमैन रामजनम ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि संगोष्ठी के दोनों विषय अत्यंत प्रसांगिक हैं तथा इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
उप मुख्य इंजीनियर/ट्रैक संजय यादव ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए कहा कि विचार-विमर्ष के लिए चयनित दोनों विषय अत्यंत प्रासंगिक हैं तथा ग्रीष्मकाल में बरती जाने वाली सावधानियां एवं कार्यस्थल पर संरक्षा से संबंधित हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
तकनीकी सत्र के दौरान ग्रीष्मकाल में अपेक्षित सावधानियां (समर प्रीकासंस) विषय पर विवेक नंदन, सहायक मंडल इंजीनियर/पूर्व, गोंडा, बी.एस.धर्मसक्तु, सहायक मंडल इंजीनियर, काशीपुर तथा राहुल गुप्ता, सहायक मंडल इंजीनियर/लाइन, वाराणसी ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अनेक पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
वक्ताओं ने ग्रीष्मकाल के दौरान रेलवे ट्रैक के रेग्यूलर मेंटीनेंस, स्पेशल ट्रैक मेंटीनेंस, हाॅट वेदर पेट्रोलिंग आदि पर विशेष जोर दिया।
कार्यस्थल पर संरक्षा (सेफ्टी ऐट वर्क प्लेस) विषय पर वी. पी. सिंह, सहायक मंडल इंजीनियर/वेस्ट, गोरखपुर, वी.एस.धर्मसक्तु, सहायक मंडल इंजीनियर, काशीपुर एवं वाई. के. मिश्रा, सहायक इंजीनियर, बलिया ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया।
वक्ताओं ने कार्य स्थल पर संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गाड़ियों की स्पीड रिस्ट्रिक्शन, कार्य स्थल पर इंजीनियरिंग इंडीकेटर, बैरेकेटिंग की व्यवस्था सहित रनिंग लाइन एवं फिक्सड स्ट्रक्चर के निकट कार्य करने के समय बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तार से चर्चा की।
फोटो परिचय : सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रमुख मुख्य इंजीनियर एस. के. पांडेय। उनके बाएं हैं मुख्य परियोजना निदेशक/स्टेशन डेवलपमेंट एस.के.मिश्रा तथा उनके दाएं मुख्य परियोजना निदेशक/पुल वी.पी.अवस्थी
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