रेल प्रशासन द्वारा निजी ब्लड बैंकों को स्टेशनों पर खून इकट्ठा करने की अनुमति न दी जाए
रेल दुर्घटनाओं में घायल जरूरतमंदों को नहीं देते अथवा महंगे दाम पर बेचते हैं स्टेशनों से खून जमा करने वाले निजी ब्लड बैंक
अग्रवाल समाज कल्याण ने मध्य रेलवे, मुंबई मंडल के मंडल रेल प्रबंधक को एक पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है कि निजी ब्लड बैंकों को रेलवे स्टेशनों पर रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति न दें।
संस्था के सचिव अनिल कुमार गर्ग ने इसका कारण बताते हुए कहा कि यह निजी ब्लड बैंक कुछ सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर स्टेशनो पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं और जब किसी यात्री की रेल परिसर में दुर्घटना हो जाती है, और उसे खून की जरूरत पड़ती है, तो सर्वप्रथम तो यह खून देने से ही मना कर देते हैं, बाद में बहुत मान-मनौव्वल करने पर यह ब्लड बैंक मंहगे दामों पर उन्हें खून उपलब्ध देने को तैयार होते हैं।
उनका कहना था कि यदि रेल प्रशासन निजी ब्लड बैंकों को सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर रक्तदान शिविरों के आयोजन की अनुमति देता है, तो पहले उनसे लिखित रूप से ले कि यदि रेल परिसर में कोई यात्री रेल दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह उसे मुफ्त खून उपलब्ध कराएंगे। अन्यथा सामाजिक संस्थाओं को यह सुझाव दी जाए कि यदि उन्हें स्टेशनों पर रक्तदान शिविर का आयोजन करना है, तो वह सरकारी रक्तदान संस्था के साथ सहयोग से करें।
श्री गर्ग का यह भी कहना था कि रेलवे के ही कुछ लोग इन निजी ब्लड बैंकों के साथ मिले हुए हैं और वही उन्हें मंडल के संबंधित अधिकारियों से मिलकर इन निजी ब्लड बैंकों को विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति लेने में अंदरूनी मदद करते हैं तथा बाद में इसके बदले उनसे व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करते हैं। उन्होंने यह सब चालबाजी बंद करने और ऐसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने की मांग रेल प्रशासन से की है।