‘समस्त ब्राह्मण सेवा समाज, कल्याण’ द्वारा साड़ी भेंट कर किया गया समाज की बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान
समाजसेवी डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत, करुणाशंकर शुक्ल और विद्या प्रसारक विजय उपाध्याय की रही गरिमापूर्ण उपस्थित
कल्याण : ‘समस्त ब्राह्मण सेवा समाज, कल्याण’ के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध समाजसेवी और जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत (एमडी/मेडिसिन, हार्ट, लंग्स, अस्थमा विशेषज्ञ) के सहयोग से गुरुकृपा हॉस्पिटल प्रांगण, बिड़ला कालेज रोड, कल्याण में रविवार, 12 जनवरी को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में एक समाजोपयोगी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत के हाथों समाज की 30 बुजुर्ग महिलाओं का साड़ी भेंट करके उनका सम्मान किया गया।
डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करते हुए सुरेश त्रिपाठी, करुणाशंकर शुक्ल, घनश्याम आर. पांडेय। साथ में हैं सुरेंद्र शर्मा और एच. एस. शर्मा।
श्रीमती मालती अवस्थी को साड़ी भेंट करते हुए समाजसेवी करुणाशंकर शुक्ल। उनके साथ हैं संस्था के सचिव सुरेंद्र शर्मा, पत्रकार गंगाधर तिवारी, डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत, और समाजसेवी विजय उपाध्याय
इस समाजोपयोगी कार्य में कान्यकुब्ज मंडल मुंबई के ट्रस्टी और समाजसेवी करुणाशंकर शुक्ल, सुप्रसिद्ध आयडियल शिक्षा संस्था के प्रमुख, समाजसेवी एवं विद्या प्रसारक विजय उपाध्याय, समस्त ब्राह्मण सेवा समाज के सचिव सुरेंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गंगाधर तिवारी, ‘रेल समाचार’ के संपादक सुरेश त्रिपाठी, विनोद कुमार शर्मा इत्यादि ने डॉ सारस्वत का सहयोग किया।
श्रीमती प्रभा तिवारी को साड़ी भेंट करते हुए डॉ ब्रजेंद्र सारस्वत। उनके साथ हैं समाजसेवी करुणाशंकर शुक्ल, संस्था के सचिव सुरेंद्र शर्मा, पत्रकार गंगाधर तिवारी और समाजसेवी विजय उपाध्याय
करीब दस साल पहले रेलवे से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर समाज की सेवा में लग गए डॉ सारस्वत ने इस मौके पर समस्त ब्राह्मण सेवा समाज के ऐसे समाजोपयोगी कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समाज के उत्थान के लिए समाज के सक्षम लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं का सम्मान करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की उन्नति से ही समाज का व्यापक भला हो सकता है। डॉ सारस्वत ने कहा कि हमें महिलाओं को बढ़ावा देने और उनकी उन्नति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
साड़ी भेंटकर बुजुर्ग महिला का सम्मान करते हुए रेल समाचार के संपादक सुरेश त्रिपाठी
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था के सचिव सुरेंद्र शर्मा ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए उनसे अनुरोध किया कि वे सब भरे-पूरे परिवार का हिस्सा हैं, ऐसे में वह अपने बच्चों और नाती-पोतों को वैदिक संस्कार प्रदान करें, इससे हमारे बच्चों की बौध्दिक उन्नति तो होगी ही, बल्कि इसके साथ ही इन सामाजिक एवं पारिवारिक संस्कारों के चलते एक स्वस्थ समाज की स्थापना करने में भी उनका यह प्रयास बहुत कारगर साबित होगा।
कान्यकुब्ज मंडल, मुंबई के वरिष्ठ ट्रस्टी एवं समाजसेवी करुणाशंकर शुक्ल ने इस अवसर पर महिलाओं और समाज का मार्गदर्शन किया और डॉ सारस्वत द्वारा कही गई बातों का समर्थन किया।
आयडियल शिक्षा संस्था के प्रमुख एवं समाजसेवी विजय उपाध्याय ने अपनी अति-व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा सा वक्त निकालकर और इस महत्वपूर्ण मौके पर उपस्थित होकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। उन्होंने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समाज हित में और समाज के काम के लिए वह हमेशा खड़े हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर न सिर्फ एक-दूसरे से मिलना होता है, बल्कि यह भी पता चलता है कि हम समाज के लिए और क्या-क्या कर सकते हैं।
महिलाओं को संबोधित करते हुए आयडियल शिक्षा संस्था के प्रमुख एवं समाजसेवी विजय उपाध्याय
उन्होंने अपने स्वभाव और प्रोफेशन के अनुरूप उपस्थित सभी सम्मानित महिलाओं से यही निवेदन किया कि वे अपने बच्चों की उचित देखभाल और शिक्षा का अवश्य ध्यान रखें। उन्होंने महिलाओं से खासतौर पर बच्चियों की शिक्षा और स्वावलंबन पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया और पुनः इस बात को दोहराया कि वे समाज के हित में हमेशा तत्पर हैं।
कान्यकुब्ज मंडल, कल्याण की सक्रिय कर्ताधर्ता और समाजसेवी श्रीमती प्रभा तिवारी ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें ब्राह्मण-ब्राह्मण में भेद को मिटाना चाहिए और पीछे का सब कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़कर आपस में बिना किसी भेदभाव के हमें अपने संबंधों को मजबूत करना चाहिए, तभी एक सुदृढ़ समाज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि संस्कार और सेवा देना ही हमारी संस्कृति रही है, इसे हमें आगे बढ़ाना है। उनके इस सुझाव का सभी उपस्थित लोगों ने स्वागत किया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार गंगाधर तिवारी ने भी महिलाओं का मार्गदर्शन किया।
इस मौके पर मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में सभी महिलाओं को हल्दी-कुमकुम लगाकर उचित सत्कार किया गया और तिल-गुड़ देकर उनका पूरा साल मीठा-मीठा (अच्छा-अच्छा) जाने और सपरिवार सुखी-संपन्न रहने की कामना की गई।
इस समाजोपयोगी कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती राजलक्ष्मी शर्मा, श्रीमती प्रभा तिवारी, श्रीमती मालती अवस्थी, श्रीमती कांति दुबे, श्रीमती अनिता दुबे, श्रीमती प्रभा शर्मा, श्रीमती ऊषा पांडेय एवं श्रीमती लक्ष्मी शुक्ला आदि महिलाओं सहित सुरेश त्रिपाठी, विनोद कुमार शर्मा, घनश्याम आर. पांडेय, एच. एस. शर्मा, हरिशंकर अवस्थी और सुरेंद्र शर्मा (बबलू) इत्यादि सहयोगियों का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के समापन पर सुरेंद्र (बबलू) शर्मा के सौजन्य से सभी उपस्थितों को अल्पाहार के बाद ससम्मान विदा किया गया।