वाह री रेल ! वाह रे रेल के कर्णधार !

हमें लखनऊ से एक यात्री ने फोन करके बताया कि उन्हें गोरखपुर-ओखा ट्रेन से पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ के ऐशबाग़ स्टेशन से बोर्डिंग करना था और उन्हें रेलवे से मैसेज आया कि कानपुर से बोर्ड करें, जबकि उत्तर रेलवे, लखनऊ के मुख्य स्टेशन चारबाग से गाड़ी जा रही है, जो ऐशबाग स्टेशन से मात्र 2-3 किमी दूर है!

#Episode-20: मंत्री जी अलर्ट हो जाएँ, वरना ये लोग आपको डुबा देंगे! #AshwiniVaishnaw👇

जब हमने इस घटना की पड़ताल की तो पता चला कि ऐसा एक व्यक्ति के साथ घटित नहीं हो रहा है, बल्कि लखनऊ परिक्षेत्र के सभी रेल यात्रियों के साथ हुआ है, जिन्होंने गोमतीनगर, बादशाहनगर, ऐशबाग से टिकट करवाए थे, वे सभी रेलवे द्वारा सही सूचना नहीं दिए जाने के अभाव में भटकते रहे। जबकि ये ट्रेनें चारबाग स्टेशन, लखनऊ, उत्तर रेलवे से होकर जा रही हैं।

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यही हाल ट्रेन नं. 12511/12512/12521-राप्ती सागर एक्सप्रेस, 15707 – अमृतसर-कटिहार, और 15045 / 15046 – गोरखपुर-ओखा का भी है।

उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, डीआरएम/लखनऊ, उत्तर रेलवे और डीआरएम/लखनऊ जंक्शन, पूर्वोत्तर रेलवे तथा यहाँ के सभी ट्रैफिक/कमर्शियल अधिकारियों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

रेलमंत्री को चाहिए कि इन सबको तुरंत पद से हटाएँ, और कारण बताओ नोटिस जारी करके इन्हें तत्काल घर भेजें! अन्यथा अपनी कड़ी आलोचना सुनने को तैयार रहें!

एमओबीडी रही सीमा कुमार तो अपना इंटरव्यू अपने मातहत से करवाकर रिटायरमेंट के बारह घंटे बाद ही दूसरी नौकरी में चली गईं। मोदीजी, देखिये कि कैसे आपके सिस्टम ने इतने अहमक अधिकारियों को नौकरी में और नौकरी के बाद फेवर किया है। हमने तो पहले ही कहा था कि #KMG मौज करेगा और कीमत पॉलिटिकल एग्जीक्यूटिव चुकाएगा।

अराजकता-भाग-2

मोदी 3.0 का आरंभ हो गया, लेकिन रेलवे अपने उसी पुराने ढ़र्रे पर चल रही है, बदलाव के लिए तैयार नहीं है, जिम्मेदार अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, उदघाटन, मीडिया कवरेज और फीता काटने तथा सोशल मीडिया पर बचकानी पोस्टें डालने से फुर्सत नहीं है, वहीं जनता, अर्थात् रेल में प्रतिदिन चलने वाले तीन करोड़ रेलयात्रियों का बुरा हाल हो रहा है।

देखिए, कि कैसे जनता रेल प्रशासन की घोर लापरवाही का शिकार हो रही है-

गाड़ी संख्या 15010, मैलानी-गोरखपुर एक्सप्रेस में जिन यात्रियों ने बादशाहनगर, गोमतीनगर रेलवे स्टेशनों से आरक्षण कराया, उन्हें रेल के #NTES सिस्टम में पिछले 5 दिनों से इस ट्रेन का इन स्टेशनों पर स्टॉपेज कैंसिल दिखाया जा रहा है, ऐसे में यात्री तो यात्रा निरस्त कर रहे हैं या फिर बाराबंकी भाग रहे हैं, जबकि ट्रेन इन दोनों स्टेशनों पर स्टॉपेज लेते हुए समय से जा रही है।

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यहाँ प्रश्न यह है कि जब ट्रेन लखनऊ जंक्शन के बजाय दो-ढ़ाई सौ मीटर के अंतर पर उत्तर रेलवे के चारबाग स्टेशन से होकर गुजारी जा रही थी, तो उसी ट्रेन को पकड़ने के लिए यात्रियों को कानपुर से ट्रेन पकड़ने के मैसेज क्यों भेजे गए? यही मैसेज चारबाग स्टेशन से ट्रेन पकड़ने के लिए क्यों नहीं भेजा गया? लखनऊ जंक्शन पर इसकी सार्वजनिक उद्घोषणा क्यों नहीं की गई?

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रेल अधिकारियों की इस लापरवाही से रेल को लाखों का चूना लग रहा है, रेल की और सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जहाँ एक तरफ अन्य गाड़ियों में भीड़ का प्रकोप जारी है, वहीं दूसरी तरफ़ यह ट्रेन सब कुछ सही होते हुए भी केवल अधिकारियों की लापरवाही के कारण खाली जा रही है। सरकार को, मंत्री को बदनाम करने की कहीं यह एक सोची-समझी साजिश तो नहीं चल रही है रेल में? जैसा कि लोकसभा चुनावों में हुआ!

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–अन्य ट्रेनें फुल चल रही हैं, ठीक उसी समय इस ट्रेन में भारी वेटिंग लगी है, और गाड़ी संख्या 15010 में सामने से 34 सीट खाली आ रही हैं।

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अकेले यात्रा करने वाली एक लड़की का मैसेज आया, उसकी निजता को उजागर न करने के लिए हम उसका टिकट नहीं दिखा रहे हैं, वह भी बुरी तरह परेशान है। पूछा, कहाँ से ट्रेन पकड़ें, जबकि कैंसल्ड गाड़ी सामने से जा रही है।

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मोदीजी, अपने रेल मंत्रियों की और रेल भवन के तीसरे फ्लोर की काउन्सलिंग करवाइए। 44-45 डिग्री की घोर-भयंकर हीटवेव में रेल का यह शुद्ध कुप्रबंधन है! जबकि सुधीर-सेंस से बनी इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (#IRMS) के अधिकारी ही अब महाप्रबंधक और बोर्ड मेंबर हैं।

जब सब कुछ ठीक होने के बावजूद यदि ट्रेन ऑपरेशन का यह हाल है, तो सोचिए कि सेफ्टी का क्या हाल होगा!

आपको यस सर-जी सर करने वाले अधिकारी नहीं चाहिए, आपको वह लोग चाहिए, जो आपको ईमानदारी से सही सलाह दे सकें।

तथापि यदि आपको और आपके रेलमंत्रियों को जी-हुजूरी ही पसंद है, तो फिर आप रेल-रिफॉर्म की बात भूल ही जाइए!