कर्मचारी का ट्रांसफर हुए बगैर ही कर दिया रिलीव

अहमदाबाद मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग में कर्मचारियों को बदले की भावना से किया जा रहा है ट्रांसफर

अहमदाबादा मंडल, पश्चिम रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के साबरमती डिपो का है यह मामला, जहां कर्मचारियों पर लगातार बदले की भावना से परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाएं जा रहे हैं। कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने के देने के बजाय ईर्ष्या की भावना से मनमर्जी से लोगों को लगातार तीन सालों से ट्रांसफर किया जा रहा है।

अभी जो मामला सामने आया है उसमें कर्मचारी का ट्रांसफर हुए बगैर ही उसे रिलीव कर दिया गया । मामले की जानकारी देते हुए कर्मचारी रमेश पटेल ने बताया कि उनका ट्रांसफर वर्ष 2018 में ब्लैक स्मिथ के पद पर प्रमोशन के बाद पत्र संख्या E/SIG/1130/12 Vol.I के माध्यम से दिनांक 28.05.2018 को हुआ था। परंतु पारिवारिक जवाबदारियों की वजह से उन्होंने प्रमोशन नहीं लिया और आर्थिक नुकसान के बावजूद ट्रांसफर नहीं लिया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में पुनः उनका प्रमोशन/ ट्रांसफर पत्र सं. E/SIG/1130/12/1(Black Smith) दिनांक 20.09.2019 को किया गया, परंतु इस बार एक दुर्घटना में चोट लग जाने की वजह से उन्होंने ब्लैक स्मिथ का काम कर पाने में असमर्थता जाहिर की। इसके बाद दिनांक 19.12.2019 को जारी पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) के अनुसार उन्हें दुबारा रिफ्यूजल के लिए एक साल के लिए फिर से डिबार्ड किया गया तथा ब्लैक स्मिथ के दिनांक 28.05.2018 की सेलेक्ट लिस्ट से डिलीट कर दिया गया।

उनका कहना था कि इस बार कहीं भी उक्त पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) में प्रशासनिक आधार पर समान ग्रेड में उनके ट्रांसफर की बात नहीं लिखी गई है। इसके बावजूद भी अपनी मन मर्जी करते हुए डिपो इंचार्ज अरविंद कुमार ने बदले की भावना से कार्य करते हुए दिनांक 27.12.2019 को पत्र संख्या E/SIG/839/12/1(Black Smith) दिनांक 19.12.2019 of DRM/E/ADI के रेफरेंस से समान ग्रेड यानी सीनियर हेल्पर में ही वीरमगाम के लिए रिलीव कर दिया।

वहीं एक दूसरे मामले में मंडल प्रशासन ने तीन कर्मचारियों बालसंगजी केसाजी, हिरेण डी चावड़ा तथा कमलेश जे सारसव को उनके प्रमोशन नहीं लेने के लिए प्रशासनिक आधार पर समान ग्रेड में ट्रांसफर पत्र संख्या E/SIG/839/10 Vol.I(ESM) दिनांक 19.12.19 के अनुसार कर दिया गया। यहां सवाल तब खड़ा हुआ जब बालसंगजी ने बताया कि उनकी नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर हुई है और उनकी बूढ़ी मां जो अक्सर बीमार रहने की वज़ह से मेहसाना में उनका इलाज चल रहा है और पूरे परिवार की जवाबदारी उनके ऊपर ही है।

उधका कहना है कि उन्होंने प्रमोशन के लिए आर्थिक नुकसान के अलावा ग्रेड-II का प्रमोशन भी छोड़ दिया, जबकि ग्रुप सी में प्रमोशन के बाद आज भी उन्हें ग्रुप डी स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए उनसे ग्रुप डी का ही कार्य कराया जा रहा है।

ठीक इसी प्रकार हिरेण डी चावड़ा की भी नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर हुई है और उनके परिवार के साथ बूढ़ी मां, जो अक्सर बीमार रहती है, का इलाज साबरमती में चल रहा है, जिसकी वजह से उन्होंने ट्रांसफर तथा प्रमोशन दोनों से आर्थिक नुकसान के बावजूद भी रिफ्यूजल देना उचित समझा।

ठीक इसी प्रकार कमलेश जे सारसव को भी प्रमोशन नहीं लेने के लिए समान ग्रेड में प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किया गया, जो खुद कार्डियक पेशेंट है और अभी हाल ही में उन्हें हार्ट अटैक भी आ चुका है।

अब सवाल यह है कि साल के अंतिम महीने में इस प्रकार प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किए जाने से क्या कर्मचारियों के परिवार और बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा? सवाल यह भी है कि क्या इन प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर से रेलवे को वित्तीय नुकसान नहीं होगा? सवाल यह भी है कि क्या इन कर्मचारियों के प्रमोशन में रेलवे बोर्ड के निर्देशों की अवहेलना नहीं की गई है?

उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने निर्देशों के साथ दिनांक 19.06.2018 को पत्र संख्या 2018-E(SCT)I/25/10 जारी करते हुए निर्देश दिया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के के कर्मचारियों के कल्याण के लिए उनकी पोस्टिंग उनके होम टाउन के पास ही दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद इन निर्देशों को ताक पर रख कर प्रशासन अपनी मन मर्जी कर रहा है।

गौरतलब है कि मंडल प्रशासन में यह सभी कार्य सुनील शर्मा देखते हैं, जो खुद एसएसई/टेलीकाम हैं। परंतु टेलीकाम का काम छोड़ मंडल कार्यालय में क्लर्की का आसान काम कर कर हैं।

इसके पूर्व भी इसी प्रकार कई सीनियर कर्मचारियों के प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर कर मंडल प्रशासन ने रेलवे को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम किया है, जिनमें राजेश बोलोवालिया, संतोष गुप्ता, गौरव जादव जैसे कर्मचारी भी शामिल हैं। परंतु मंडल प्रशासन अपने हंटर का जोर दिखाने की होड़ में रेलवे का आर्थिक नुकसान तथा कर्मचारियों के पारिवारिक जीवन को तहस-नहस करने में लीन है।