पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे: “लबाड़ी यादव” कर रहे हैं पहाड़ों में ट्रेक्किंग, रेलमंत्री का कोई खौफ नहीं!
जहां पूरा मन लगाकर ड्यूटी करने के बाद भी अन्य निर्माण अधिकारी काम को लेकर परेशान रहते हैं, वहीं एच. एस. यादव रेलवे का काम छोड़कर बाकी सब कुछ कर रहे हैं और उन्हें किसी का कोई खौफ भी नहीं है!
पिछले दिनों खजुराहो में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सार्वजनिक रूप से सबके सामने कुछ वरिष्ठ रेल अधिकारियों को बुरी तरह लगाई गई झाड़ के बावजूद रेलवे में कुछ अधिकारी कितने बेखौफ हैं, यह पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीएओ/सी1 एच. एस. यादव की पहाड़ों में हो रही मौजमस्ती की फोटो देखकर बखूबी समझा जा सकता है। तारीफ यह है कि यह फोटो उन्होंने स्वयं ही अपने एक व्हाट्सएप ग्रुप में न केवल शेयर की हैं, बल्कि एक मैसेज डालकर लोगों, खासकर मातहत अधिकारियों की बीवियों को ग्रुप से जुड़ने के लिए इनवाइट भी किया है। देखें वह मैसेज-
“Any one interested in trekking can join by sending his consent 2 me so that name can be included in NFR trekker group. Soon we will be exploring all hills in neibhourhood.”
सीएओ/सी1/पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे एच. एस. यादव को वहां के ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर रेलवे सहित अन्य जोनल रेलों के बहुत सारे इंजीनियरिंग अधिकारी महाभ्रष्ट, कामचोर, घोर पाखंडी, जातिवादी और लबाड़ी मानते हैं। वह कहते हैं कि लगभग चार साल पहले यह जुगाड़ लगाकर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/ निर्माण (सीएओ/सी) बने थे। यह स्वयं को पूर्व महानालायक सीआरबी वी. के. यादव और एएम/वर्क्स रहे यू.एस.एस. यादव का सगा-संबंधी बताते हैं। शायद यही कारण था कि सीएओ/सी बनने की इनकी जुगाड़ सफल रही थी।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यादव महाराज यहां पर रेलवे का कोई काम नहीं कर रहे हैं, वह केवल साइकिलिंग, योग क्लास और स्पाइसी नॉवेल पढ़कर रेलवे की सारी सुख-सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाते हुए पहाड़ों पर मौजमस्ती करते हैं। जैसा कि ग्रुप में डाले गए उनके उपरोक्त मैसेज भी स्पष्ट है। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर कई अलग-अलग ग्रुप बनाए हुए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि साइकिलिंग में कुछ मातहत लालची अफसरों की बीवियां इनके साथ पूरे-पूरे दिन पहाड़ों में अंदर दूर-दूर तक साइकिलिंग करती हैं। झरनों में नहाती हैं। इससे पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कर्मठ अधिकारी अत्यंत शर्मिंदा हो रहे हैं। उनके साथ अन्याय भी हो रहा है, क्योंकि सीएओ यादव इन्हीं कुछ महिलाओं के पतियों को लगातार मौके और लाभ की पोस्टिंग दे रहे हैं, और रोज नई-नई महिलाओं को अपने ग्रुप में जोड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अत्यंत शर्मनाक और असभ्य पहनावे के साथ कुछेक महिलाओं की फोटो, जो कि यादव ने अभी कुछ दिन पहले ही पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों के ग्रुप में बड़े गर्व के साथ पोस्ट की थीं, जिन्हें देखकर सभी अधिकारियों ने शर्मिंदगी महसूस की, मगर यादव को फिर भी बेशर्म खींसें निपोरते हुए कोई शर्म नहीं आ रही है। यहां यह भी ज्ञातव्य है कि यादव के विरुद्ध पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर में उनके ऐसे ही एक असभ्य वर्तन के लिए अपराधिक मामला दर्ज है। इस मामले की पूरी जानकारी मांगी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि “जहां सीएओ से मिलने के लिए उनके मातहत अधिकारी पूरा-पूरा दिन प्रतीक्षा करते हैं, फिर भी उन्हें समय नहीं दिया जाता, और जब उनसे मिलने जाते हैं तो पूरे सभ्य पहनावे में होते हैं, वहीं इन महिलाओं को यह यादव महाराज हमेशा खींसें निपोरते हुए न केवल उपलब्ध रहते हैं, बल्कि यह महिलाएं बिना अपने पति के, यादव महाराज के साथ सुबह-सुबह दिनभर के लिए पहाड़ों पर निकल जाती हैं। मगर न उन्हें शर्म आती है, न ही उनके पतियों को!” इनमें से एक महिला 1995 बैच की और दूसरी 2006 बैच की आईआरएसई बताई गई है।
उनका कहना है कि कोई तो यादव महाराज का गॉडफादर है, जिससे इतनी खुली शह उन्हें मिल रही है। उन्होंने कहा कि जहां पूरा मन लगाकर ड्यूटी करने के बाद भी अन्य निर्माण अधिकारी काम को लेकर परेशान रहते हैं, वहीं एच. एस. यादव रेलवे का काम छोड़कर बाकी सब कुछ कर रहे हैं और उन्हें किसी का कोई खौफ भी नहीं है! उनका यह भी कहना है कि “लबाड़ी यादव” (यादव महाराज को यह विशेषण भी अधिकारियों का ही दिया हुआ है) धन के साथ-साथ शराब और शबाब का सेवन बेखौफ होकर कर रहे हैं।
अधिकारियों ने रेलमंत्री और चेयरमैन/सीईओ/रेलवे बोर्ड से इस मामले का तुरंत संज्ञान लेने और यादव को सीएओ के पद से तुरंत हटाकर अन्यत्र कहीं भेजे जाने की मांग की है। उनका कहना है, यादव की असभ्य हरकतों से रेलवे की छवि खराब हो रही है और कार्यस्थल का वातावरण दूषित हो रहा है। अतः रेलमंत्री और सीआरबी को इस मामले में अविलंब संज्ञान लेना चाहिए।
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