गलती करने वाले अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने के बजाय रेल प्रशासन ने पूरी प्रक्रिया पर पानी फेरा
आठ महीने एएमएम में काम करने के बाद रिवर्ट किए जाने पर कंडीडेट को मिला कैट से स्टे!
सर्वसामान्य मांग यह है कि गणित का सामान्य जोड़-घटाव न कर पाने वाले सीएमएम चंद्रपाल को एसएफ-5 थमाई जाए, और अख्तर रजा को एएमएम में यथावत बहाल किया जाए!
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे कार्मिक कार्यालय द्वारा पत्रांक का/254/12/ससाप्र/ग्रुप-बी/30% चयन/2019(I), दि. 23/29.10.2020 के नोटिफिकेशन के अंतर्गत भंडार विभाग, पूर्वोत्तर रेलवे में सामान्य श्रेणी के सहायक सामग्री प्रबंधक (एएमएम) के एक पद की वैकेंसी निकाली गई थी। इस पद पर 30% कोटे के तहत सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (एलडीसीई) के माध्यम से ग्रुप ‘सी’ से ग्रुप ‘बी’ में किसी एक सफल कर्मचारी की पदोन्नति होनी थी।
इसके लिए कुल 44 कर्मियों ने अप्लाई किया था। प्री-क्वालिफाईंग परीक्षा में दि. 19.02.2021 को कुल 39 कर्मी शामिल हुए थे। लिखित परीक्षा दि. 07.07.2021 को हुई, और मौखिक परीक्षा दि. 16.09.2021 को हुई थी। दि. 23.03.2021 को घोषित प्री-क्वालिफाईंग लिखित परीक्षा के परिणाम में कुल पांच कर्मियों – जितेंद्र गुप्ता, अख्तर रजा, राकेश कुमार सिंह, अविनाश चंद्र तिवारी एवं राजीव कुमार – को सफल पाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्री-क्वालिफाईंग लिखित परीक्षा की कापियां सीएमएम चंद्रपाल ने जांची थीं। इसमें उन्होंने एक कंडीडेट सरोज कुमार सिंह के मार्क्स जोड़ने-घटाने में अक्षम्य गलती की। सिंह को कुल 91 मार्क्स मिले थे, जो कि 3 माइनस मार्किंग के बाद 88 होने चाहिए थे, मगर नींद में काम कर रहे सीएमएम चंद्रपाल ने सिंह को 88 के बजाय 81 मार्क्स दिए, जिससे वह पांच सफल कंडीडेट की मेरिट में नहीं आ सके।
इस बीच सक्षम अधिकारी (जीएम) के अनुमोदन के बाद दि. 24.09.2021 को सफल कंडीडेट की अनंतिम सूची जारी करते हुए कार्यालय आदेश सं. 184/2021, दि. 30.09.2021 को अख्तर रजा का बतौर एएमएम, इज्जतनगर मंडल, पोस्टिंग आर्डर जारी कर दिया गया।
तभी दिसंबर 2021 में सरोज कुमार सिंह को अपने मार्क्स को लेकर कुछ आशंका हुई। आरटीआई फाइल करते हुए उन्होंने अपनी उत्तर पुस्तिका दिखाने का निवेदन किया। उत्तर पुस्तिका की जांच करने पर सिंह को पता चला कि उनके मार्क्स गलत दिए गए हैं। इस तथ्य को सही करने और उन्हें न्याय प्रदान किए जाने हेतु उन्होंने पुनः आवेदन प्रस्तुत किया।
सरोज कुमार सिंह की मांग पर उपरोक्त तमाम परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों को सांप सूंघ गया। बजाय अपनी गलती स्वीकार करने, सुधारने के किसी तरह इससे अपना-अपना पिंड छुड़ाने की जुगत भिड़ाई गई और दि. 02.05.2022 को उक्त परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
यहां एक बात और ध्यान देने योग्य यह भी है कि उक्त परीक्षा को निरस्त करने के कार्यालय आदेश सं.84/2022, दि. 02.05.2022 के पैरा-2 में जो कहा गया है, “… जबकि अख्तर रजा को बुलाया गया था, जिनके द्वारा पांचों अभ्यर्थियों में से सबसे कम अंक अर्जित किए गए थे” यह कथन कार्मिक विभाग द्वारा जारी उक्त पांचों सफल अभ्यर्थियों की यहां दी गई सूची देखने मात्र से सिरे से झूठा साबित होता है। इस सूची के अनुसार अख्तर रजा को प्री-क्वालिफाईंग में 82 अंक और मेन में पांचों में से सबसे ज्यादा 85 अंक मिले हैं!
तथापि इस परीक्षा को निरस्त करने के लिए रेलवे बोर्ड के अनुमोदन की भी आड़ ली गई, जिससे साफ पता चलता है कि अधिकारी को बचाने के लिए अधिकारी किसी भी हद तक जा सकते हैं, फिर इसके लिए भले ही किसी कर्मचारी के प्रति कितना ही बड़ा अन्याय क्यों न हो जाए।
अतः जीएम के स्पीकिंग आर्डर दि. 19.04.2022 के बाद उपरोक्त परीक्षा को दि. 02.05.2022 को सिरे से रद्द कर दिया गया। जबकि होना यह चाहिए था कि रेल प्रशासन अपनी गलती को सुधारता और आठ महीने पहले पदोन्नत अख्तर रजा को यथावत रखते हुए सरोज कुमार सिंह के साथ न्याय करने हेतु रेलवे बोर्ड की अनुमति से तमाम फालतू और खाली पड़े ग्रुप ‘बी’ पदों में से एक पद का एलीमेंट ट्रांसफर करके उस पर सरोज कुमार सिंह को पदोन्नत करता।
तत्पश्चात सीएमएम चंद्रपाल, जिनकी एक अक्षम्य गलती के कारण यह सारी कवायद हुई, को मेजर पेनाल्टी चार्जशीट (एसएफ-5) थमाई जाती। इस प्रकार सभी के साथ न्याय होता, मगर चंद्रपाल को बचाने के लिए जीएम ने न केवल पूरी परीक्षा को रद्द करके विभागीय नुकसान सहित इसमें लगे सभी के परिश्रम पर पानी फेर दिया, बल्कि एक सफल कर्मचारी, जिसकी कोई गलती नहीं थी, की बलि भी चढ़ा दी।
अब अख्तर रजा को कैट ने स्टे दिया है। कैट ने दि. 12.05.2022 को दिए अपने आदेश में दि. 02.05.2022 से पूर्व की स्थिति बरकरार रखने को भी कहा है। अतः सर्वसामान्य मांग यह की जा रही है कि गणित का सामान्य जोड़-घटाव न कर पाने वाले सीएमएम चंद्रपाल को एसएफ-5 थमाई जाए, और अख्तर रजा को एएमएम में यथावत बहाल किया जाए।