प्रतिबंध के बावजूद प्लेटफॉर्म पर कैसे इस्तेमाल हो रहे हैं गैस सिलेंडर?
खंडवा स्टेशन पर गैस सिलेंडर से फूड प्लाजा में लगी आग
अगर यह सब खुलेआम चलता रहा है, तो इसमें सेक्शन के कैटरिंग इंस्पेक्टर सहित स्टेशन मास्टर, आरपीएफ और एरिया मैनेजर की लापरवाही और मिलीभगत साफ है। अतः सभी संबंधितों को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए!
खंडवा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं.1 पर स्थित फूड प्लाजा के गैस काउंटर पर आग लगने से काउंटर सहित सभी खाद्य सामग्री जल गई। हालांकि इस आग से कोई जनहानि तो नहीं हुई, मगर स्टेशन पर भारी दहशत फैल गई।
गुरुवार, 6 जनवरी 2022 की सुबह लगी इस आग को बुझाने में एक वेंडर भी काफी झुलस गया। जबकि वहां उपस्थित तमाम रेलयात्रियों में भगदड़ सी मच गई।
प्लेटफॉर्म पर आग जलाने और गैस सिलेंडर के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध के बावजूद कुछ रेलवे स्टेशनों पर गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। यह अत्यंत खतरनाक है और यात्रियों के जान-माल और सुरक्षा एवं संरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है।
खंडवा स्टेशन के किमी./खंभा नं. 567/35 के पास प्लेटफॉर्म नं.1 पर स्थित फूड प्लाजा में गैस सिलेंडर से भड़की आग के बाद इस सीसीटीवी फुटेज में लोगों का इधर-उधर भागना दिख रहा है।
रेलवे बोर्ड की कैटरिंग पॉलिसी-2010 में ही प्लेटफॉर्म पर और चलती ट्रेनों की पैंट्रीकारों में गैस सिलेंडरों के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
अब जब प्रमाणिक रूप से यह सिद्ध है कि खंडवा स्टेशन के उक्त फूड प्लाजा में गैस सिलेंडर और लाइव फायर का उपयोग किया जा रहा था, तब इस फूड प्लाजा को न केवल तुरंत बंद करके, संबंधित कांट्रेक्टर को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि लगभग दो-तीन साल पहले इसी तरह इटारसी स्टेशन पर भी आग लगी थी। यह आग भी खानपान स्टाल पर उपयोग किए जा रहे गैस सिलेंडर के कारण ही लगी थी, जिसमें रेलवे का भारी नुकसान भी हुआ था। तथापि रेल प्रशासन द्वारा संबंधित स्टाल धारक पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त फूड प्लाजा मुख्य कांट्रेक्टर द्वारा सात हजार रुपये प्रतिदिन के किराए पर सब्लेट किया गया है। यही कारण है कि यहां न केवल अवैध काउंटर और अवैध वेंडर चलाए जा रहे हैं, बल्कि प्लेटफॉर्म पर जहां-तहां अनधिकृत रूप से काउंटर लगाकर खाद्य सामग्री बेची जाती है।
जानकारों का कहना है कि इसके बाद भी अगर प्लेटफॉर्म पर लाइव फायर का उपयोग किया जा रहा था और यह सब खुलेआम चलता रहा है, तो इसमें स्पष्ट रूप से सेक्शन के कैटरिंग इंस्पेक्टर सहित स्टेशन मास्टर, आरपीएफ और एरिया मैनेजर की लापरवाही और मिलीभगत रही है।
उनका कहना है कि सभी संबंधितों को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसी किसी कड़ी कार्रवाई के बिना यह भ्रष्टाचार थमने वाला नहीं है।
इसके अलावा जानकारों का यह भी कहना है कि खंडवा से लेकर इटारसी स्टेशन तक सैकड़ों अवैध वेंडर्स का बोलबाला है और यह सब अवैध गतिविधियां उपरोक्त रेलवे स्टाफ की मिलीभगत से ही चल रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।
बहरहाल, रेल प्रशासन द्वारा जब तक ऐसी तमाम अवैध गतिविधियों और इनमें शामिल रेलवे स्टाफ के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक न तो ये अवैध गतिविधियां रुकेंगी, न ही रेलवे स्टाफ के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
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