राहुल जैन को पुनर्स्थापित कर सरकार ने अपने ही रेलमंत्री को नीचा दिखाया!

खबर है कि राहुल जैन सोमवार या मंगलवार, 22-23 नवंबर से पुनः रेलवे बोर्ड में अपने पुराने पद – मेंबर ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक (#MTRS) – पर विराजमान हो रहे हैं।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार एक बड़े जैन संत को साथ ले जाकर गृहमंत्री अमित शाह से उनका पैक्ट हो गया है।

एक साल में सैकड़ों मौतों के बाद #किसान_बिल वापस लेकर #सरकार एक तरफ किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रह गई, तो दूसरी तरफ राहुल जैन को पुनर्स्थापित कर अपने ही #रेलमंत्री को नीचा दिखा दिया!

पहले तो इस सरकार में नौकरशाहों को एक्सटेंशन और रिएंगेजमेंट की गलत परंपरा शुरू की गई। फिर करप्शन लूट और मनमानी की पूरी छूट दी गई।

सरकार के निर्णयों में न कभी एकरूपता रही, और न ही कभी अडिगता देखी गई। सरकार में अधिकतर करप्ट और संदिग्ध निष्ठा वाले अधिकारियों का बोलबाला रहा है। “अपनों” के फेवर की तो कोई सीमा ही नहीं रही।

अब जब रेलमंत्री कुछ कड़े निर्णय लेकर अच्छा काम करके रेलवे के रिफार्म का बेहतर रिजल्ट देने का प्रयास कर रहे हैं, तो उसमें भी सरकार ने अड़ंगा लगा दिया है। तब पीएम का 75 वंदेभारत ट्रेन सेट के निर्माण का सपना कैसे पूरा होगा?

अब राहुल जैन जैसे निकम्मे, तिकड़मबाज, अकर्मण्य अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेजकर रेलमंत्री ने रेलवे में अधिकारियों की अकड़बाजी पर लगाम लगाने की जो साहसपूर्ण कोशिश की थी, उसमें सरकार ने जैन को रिइंस्टेट करके जो पलीता लगाया है, उसका जो मैसेज जाएगा, उससे रेलमंत्री किस बिना पर रेल अधिकारियों से अब कड़ाई से पेश आ सकेंगे?

प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी

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