रेलवे सप्ताह राष्ट्रीय पुरस्कार: उत्कृष्ट कार्य संपादन करने वाले फार्मासिस्ट के बजाय दो डॉक्टरों के नाम की सिफारिश

कहीं किसी नाकाबिल और अकार्यक्षम के नाम शिफ्ट हो सकती है किसी और की काबिलियत और कर्तव्यनिष्ठा?

हर साल डिवीजनल, जोनल और रेलवे बोर्ड स्तर के पुरस्कारों पर विवाद होता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इनके चयन में भारी पक्षपात किया जाता है। हर साल कुछ ऐसे रेलकर्मियों को यह पुरस्कार दिए जाते हैं, जो वास्तव में इसके लायक नहीं होते, और हर बार कुछ ऐसे रेलकर्मी जानबूझकर दरकिनार कर दिए जाते हैं, जो वास्तव में इनके लिए हकदार होते हैं। यह करिश्मा या पक्षपात इमीडिएट इंचार्ज, ब्रांच अधिकारी अथवा विभाग प्रमुख के स्तर पर किया जाता है।

मंडल रेलवे अस्पताल, कल्याण में भी हुआ है यह करिश्मा इस बार, और करिश्माकार हैं यहां के अत्यंत “अस्थिर दिमाग” सीएमएस! जिनका मानना है कि जिसको जीएम अवार्ड मिल चुका है, उसे एमआर अवार्ड के लिए नामांकित नहीं किया जा सकता।

परंतु वह इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपा जाते हैं कि जो जीएम अवार्ड उक्त रेलकर्मी को मिला था, वह पिछले साल में की गई उसकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया गया था।

इसके अलावा, उपरोक्त कुतर्क की आड़ में यह तो नहीं हो सकता कि किसी रेलकर्मी के कार्य का श्रेय किसी अधिकारी को दे दिया जाए!

यहां यही किया गया है। एक अस्पताल कर्मचारी यानि चीफ फार्मासिस्ट के किए गए कार्य का श्रेय दो अधिकारियों (डॉक्टरों) को दे दिया गया! यह करिश्मा भी सीएमएस कल्याण ने किया है।

एमआर अवार्ड के लिए सर्वथा उपयुक्त डीआरएच, कल्याण के चीफ फार्मासिस्ट अनिरुद्ध दत्तात्रेय विखणकर द्वारा किया गया कार्य निम्नवत है –

Anirudha Dattatray Vikhankar, Chief Pharmacist, Divisional Railway Hospital (DRH), Kalyan, Mumbai Division, Central Railway has worked exemplary in the field of procurement of medicines and articles.

He helped the Railway Administration to perform efficiently and effectively during the difficult time of lockdown and Covid-19 pandemic.

With his commendable efforts and able confidence, DRH, Kalyan could get helping hands in the form of PPE Kits, N95 and 3 ply Masks, Sanitizer etc. from Corporates worth Rs. 22,50,000/-.

Though he himself suffered from Covid-19, his extra working after duty and on rest days, he made much-required medicines available to patients costing Rs.17.50 Lakhs free of cost.

He also put in a special efforts on Pharma manufacturers to make tablet Vitamin-C 500mg available to Railway Employees through the Staff Benefit Fund.

During his efficient ongoing tenure in DRH, Kalyan in medicine procurement, the Local Purchase (LP) of medicines is minimised.

He also co-ordinates with other Zones of Indian Railways for surplus stocks and their receipts.

He, being energetic and skilled personality with good inter-departmental, social, and charitable relations has made various useful availabilities for the Railway beneficiaries of DRH Kalyan.

Saving Railways revenue and working for the interest and betterment of Railway workers for which he can be nominated for the 66th Railway Week National Award-2021.

But inpsite of his above very meritorious achievements, his nominations was not sent to PCMD/CR office by CMS/KYN.

Instead of this, He had sent nomination of two Doctors!

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