निर्माणाधीन आरओबी पर पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा चढ़ाए गए गर्डर
गोरखपुर ब्यूरो : सुरक्षित, संरक्षित एवं निर्बाध रेल संचालन पूर्वोत्तर रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विगत वर्षों में बड़ी लाइनों में सभी अनारक्षित समपारों को समाप्त कर दिया गया है। अब रेल प्रशासन रक्षित समपारों को भी आरओबी, आरयूबी, एलएचएस का प्रावधान कर तथा बंद करके रेल संचलन को तीव्र एवं दुर्घटनारहित बनाने की योजना को तेजी से कार्यान्वित कर रहा है।
इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के गोरखपुर-देवरिया सदर खंड पर चौरीचौरा एवं गौरी बाजार स्टेशनों के मध्य समपार संख्या-145-ई पर निर्माणाधीन सड़क उपरिगामी पुल (आरओबी) पर गर्डर लांचिंग का कार्य सोमवार, 23 नवंबर को सम्पन्न हुआ।
कुल करीब सवा तीन घंटे की अवधि में चार गर्डरों की लांचिंग सफलतापूर्वक की गई। गर्डर लांचिंग में 450 टन क्षमता वाले रोड क्रेन का उपयोग किया गया तथा कार्य के दौरान एक क्रेन को स्टैंड बाई के रूप में रखा गया। लांच किए गये चारों गर्डरों में से प्रत्येक गर्डर की लम्बाई 39.5 मीटर तथा वजन 47 टन है।
गर्डर लांचिंग का कार्य उप मुख्य इंजीनियर/निर्माण/पुल श्री एन.के.सिंह एवं कार्यपालक इंजीनियर निर्माण/पुल राम अवध की देख-रेख में सम्पन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि प्रतिकूल मौसम के बावजूद गर्डर लांचिंग का कार्य निष्पादन सफलतापूर्वक किया गया।
इसी क्रम में उल्लेखनीय है कि गोरखपुर-देवरिया सदर रेल खंड पर सरदारनगर-चौरीचौरा स्टेशनों के बीच समपार संख्या-149 स्पेशल निर्माणाधीन सड़क उपरिगामी पुल पर गर्डर लांचिंग का कार्य गुरुवार, 19 नवंबर, 2020 को सम्पन्न किया गया था।
सड़क उपरिगामी पुल का प्रावधान रेल प्रशासन एवं सड़क उपयोगकत्र्ताओं दोनों के लिये अत्यंत लाभप्रद है। रेल प्रशासन के लिए समपार बंद करने के फलस्वरूप मैनपावर के साथ ही आवर्ती (रिकरिंग) खर्च में भी कमी होती है।
इसके साथ ही रेल संचालन संरक्षित एवं निर्बाध गति से होता है। सड़क परिवहन भी रोड ओवर ब्रिज बन जाने से सुविधाजनक हो जाएगा तथा जाम लगने की समस्या से सड़क उपयोगकत्ताओं को निजात मिलेगी।