प.म.रे.: अदालत की अवमानना में डीआरएम, जीएम और पीसीपीओ तलब

सवाल यह उठता है कि रेल अधिकारियों की ऐसी निरंकुश मनमानियों पर आखिर कब होगा नियंत्रण? क्या अदालती आदेश भी इनके लिए कोई मायने नहीं रखते?

जबलपुर: अदालत के आदेश की अवमानना के मामले में आज मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कोटा पंकज शर्मा को जबलपुर कैट में तलब किया गया है। डीआरएम/कोटा पंकज शर्मा के साथ ही कैट ने पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह और प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी मंगूराम मीणा को भी कोर्ट में तलब किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम मध्य रेलवे जोन में करीब डेढ़ महीने पहले ग्रुप ‘बी’ सहायक मंडल इंजीनियर (एईएन) के लगभग 22 पदों के लिए सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (एलडीसीई) आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में प.म.रे. जोन के कोटा, भोपाल और जबलपुर मंडल के 73 वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) शामिल हुए थे।

परीक्षा के बाद वरिष्ठता के आधार पर 40 एसएससी को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। यह साक्षात्कार एक अक्टूबर को जबलपुर से ऑनलाइन लिया गया था। कोटा से भी कई एसएसई इस साक्षात्कार में ऑनलाइन शामिल हुए थे।

उसी दिन शाम तक सभी एसएसई के साक्षात्कार हो गए। इसके बाद फाइनल रिजल्ट और पोस्टिंग आर्डर जारी कर दिया गया। कई एसएसई ने रात में ही ज्वाइन कर लिया। कुछ ने राष्ट्रीय अवकाश के दिन 2 अक्टूबर को पदभार ग्रहण किया था। कोटा में दो और गंगापुर में एक एईएन ने पद संभाला था।

कई एसएसई ने साक्षात्कार में भेदभाव और गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दो अक्टूबर को ही जबलपुर स्थित केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में ऑनलाइन मामला दायर कर दिया था।

उनका कहना था कि चार एसएसई के परीक्षा में शामिल होने से मना करने पर उनका नंबर आ रहा था, लेकिन रेल प्रशासन उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं करना चाहता था। इसके बाद वह मामले को जबलपुर कैट ले गए। तब कैट ने उन्हें भी परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया था।

इसके बाद वह सभी परीक्षा में शामिल हुए और पास भी हो गए। इसके बाद भी रात को जारी की गई साक्षात्कार लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया। फोन कर सभी को अगले दिन साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। लेकिन कैट के आदेश के बाद भी उनको साक्षात्कार में नहीं बुलाया था।

कैट ने इसे अपने आदेश की अवहेलना मानते हुए जीएम, डीआरएम और पीसीपीओ को तलब करते हुए आज बुधवार, 28 अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी किया था।