कौन बनेगा सीआरबी!
एल. सी. त्रिवेदी और विद्या भूषण हैं प्रमुख दावेदार
वी. के. यादव को एक्सटेंशन: एकमत नहीं हैं बोर्ड के अधिकारी
अब जब वर्तमान चेयरमैन, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) विनोद कुमार यादव का कार्यकाल लगभग समाप्ति की ओर है और इसमें अब कुल सात हफ्ते बचे हैं, तब अगला सीआरबी कौन बनेगा, इसको लेकर रेलवे सर्कल में अटकलें काफी तेज हो गई हैं।
चर्चा दो नामों को लेकर हो रही है। इनमें से पहला नाम पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी उर्फ एल. सी. त्रिवेदी का है, तो दूसरा नाम पूर्व तट रेलवे के महाप्रबंधक विद्या भूषण का है।
श्री त्रिवेदी जहां 1983 बैच (DOB 06/1961) के वरिष्ठ आईआरएसएमई अधिकारी हैं, वहीं श्री भूषण भी 1983 बैच (DOB 10/1961) के समान कैडर के अधिकारी हैं। श्री त्रिवेदी के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि बतौर जीएम उन्होंने एक साल से कुछ ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर लिया है और अभी उनका कार्यकाल कुल मिलाकर बीस महीने बाकी है। जबकि उनका पूरा सर्विस रिकॉर्ड भी साफ-सुथरा है। साथ ही प्रशासन पर उनकी पकड़ भी मजबूत मानी जाती है। इसके अलावा उनके राजनीतिक संबंध भी काफी अच्छे बताए जाते हैं।
वहीं श्री भूषण इस मामले में कुछ कमजोर हैं, क्योंकि उनकी कुंडली (सर्विस रिकॉर्ड) में उनके अव्यवस्थित पारिवारिक जीवन की उथल-पुथल के राहु-केतु दोनों विराजमान बताए जाते हैं। हालांकि एक जनवरी को पोस्ट वैकेंट होने के बाद से उनका कार्यकाल भी एक साल दस माह बचता है, परंतु जीएम में उनका अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। बताते हैं कि श्री भूषण ने करीब चार शादियां कीं, मगर उनकी कोई भी शादी सफल नहीं हो पाई। लिंक्डइन में उन्होंने अपने शार्ट बायो में लिखा है कि उन्हें रिपोर्ट्स, लेख और डिसर्टेशन राइटिंग में महारत हासिल है, जबकि मानवीय एवं तकनीकी विषयों पर प्रस्तुतीकरण में उनकी विशेषता है। श्री भूषण भी ‘पॉलिटिकली वेल कनेक्टेड’ माने जाते हैं।
रेलवे में ज्वाइन करने से पहले श्री त्रिवेदी ने एनटीपीसी में दो साल तक बतौर पॉवर प्लांट इंजीनियर काम किया था, जिसके अंतर्गत उन्हें लोकोमोटिव मेंटीनेंस एवं ऑपरेशंस, रोलिंग स्टॉक मेंटीनेंस एवं ऑपरेशन, रेलवे सेफ्टी और रेल रोड मैन्युफैक्चरिंग आदि का व्यापक अनुभव मिल चुका था।
वर्ष 2006 में एचईसी पेरिस से एक्जीक्यूटिव मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने वाले श्री त्रिवेदी ने भारतीय रेल के सर्वाधिक संवेदनशील जोन पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में चीफ सेफ्टी ऑफीसर (सीएसओ), मध्य रेलवे में चीफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर (सीआरएसई), डीआरएम/बिलासपुर, सीपीएम/आईसीएफ और सीएमई/आईसीएफ जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
हालांकि अभी सीआरबी का पद खाली होने में पूरे सात सप्ताह बाकी हैं। यानि पद खाली भी नहीं हुआ और बिचौलियों द्वारा उसके दावेदारों की पैरवी तथा लॉबिंग शुरू कर दी गई है। जबकि अटकलें यह भी हैं कि ‘यस-मैन’ के रूप में वी. के. यादव की रेलमंत्री के साथ बहुत बढ़िया ट्यूनिंग बनी हुई है, ऐसे में श्री यादव को रेलमंत्री की तरफ से छह-छह महीने का एक्सटेंशन दिला दिया जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि इससे रेलमंत्री को अपने निहित स्वार्थ साधने में काफी आसानी होगी। तथापि रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि एक्सटेंशन का विगत अनुभव सही साबित नहीं हुआ है, इसलिए श्री यादव को भी यह मिल पाना काफी मुश्किल है।