“मैं निर्दोष हूं” – यशभान सिंह तोमर, सीवाईएम/कानपुर

21 अगस्त को “कानाफूसी.कॉम” पर चीफ यार्ड मास्टर (#CYM), कानपुर की रासलीला शीर्षक से प्रकाशित खबर पर अपना पक्ष रखते हुए चीफ यार्ड मास्टर, कानपुर यशभान सिंह तोमर ने कहा है कि “मैं निर्दोष हूं, उनके खिलाफ द्वेषपूर्ण, मिथ्या, भ्रामक, आपराधिक, मानहानिपरक और चरित्रहनन करने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति विशेष द्वारा यह सारी साजिश की गई है।”

इस संबंध में उन्होंने मंडल प्रशासन प्रयागराज को अपनी पत्नी श्रीमती निशा सिंह के माध्यम दिया गया ज्ञापन भी भेजा है। हालांकि यह ज्ञापन अहस्ताक्षरित है, इस पर न तो श्रीमती निशा सिंह का हस्ताक्षर है, और न ही इसमें कहीं दिन-दिनांक का उल्लेख किया गया है। तथापि इस ज्ञापन में श्रीमती निशा सिंह ने कहा है कि “उनके पति यशभान सिंह तोमर को एक हफ्ते तक यही ज्ञात नहीं हो सका था कि उनका स्थानांतरण किस कारण से हुआ है। अचानक 20 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल की गई जिससे ज्ञात हुआ कि उनके पति के खिलाफ अपराधिक षड्यंत्र कर मिथ्या आरोप लगाए गए हैं।”

श्रीमती निशा सिंह ने लिखा है कि उनके पति यशभान सिंह तोमर शुरू से ही रंगमंच, चलचित्र और टेलीविजन कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं। कुछ धारावाहिकों में अभिनय किया है और गीत भी लिखे हैं। वायरल वीडियो क्लिप के बारे में उन्होंने लिखा है कि “उक्त क्लिप दो वर्ष पुरानी तब की है जब उनके पति श्री तोमर एक लघु फिल्म के निर्देशन में सहयोग कर रहे थे। उक्त दृश्य में वह संबंधित अभिनेत्री को प्रणय दृश्य के विषय में बता रहे थे। शिकायतकर्ता ने मात्र पंद्रह सेकेंड की इस क्लिप में संबंधित अभिनेत्री को ब्लर किया है, जिससे उसकी पहचान न हो सके और उसे मिथ्या रूप से महिला रेलकर्मी बताया जा सके।”

श्रीमती निशा सिंह ने अपने पत्र में इस पूरे घटनाक्रम के लिए जूही यार्ड में पदस्थ एक उप स्टेशन अधीक्षक पर शक जाहिर करते हुए कहा है कि “उपरोक्त लघु फिल्म की शूटिंग के समय वह वहां उपस्थित था और उसने अपने मोबाइल से न सिर्फ उक्त दृश्य शूट किया था, बल्कि उसके कई फोटो भी लिए थे। इससे जाहिर होता है कि उक्त उप स्टेशन अधीक्षक ने तथ्यों में तोड़-मरोड़कर उनके पति के विरुद्ध अपराधिक मानहानि की है।”

उन्होंने कहा है कि “उन्हें नहीं ज्ञात है कि संबंधित शिकायत किसने की है, किंतु इसके पीछे उक्त उप स्टेशन अधीक्षक है, यह सुनिश्चित है। ऐसी स्थिति में संबंधित रेलकर्मी को यह क्लिप उसी से प्राप्त हुई लगती है। इस पूरे प्रकरण से उनके पति को मानसिक आघात पहुंचा है, उनकी मानहानि हुई है और परिवार के सामने कठिनाई उत्पन्न हुई है, तथा रेलवे की भी छवि धूमिल हुई है। उन्होंने मंडल प्रशासन से अनुरोध किया है कि कर्तव्यों के निर्वहन में कई बार कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। अतः इस पूरे प्रकरण पर हस्तक्षेप करके उनके पति के साथ न्याय किया जाए।

संपादक का प्रतिवेदन:

बहरहाल, इस मामले में अभी बहुत सारे खुलासे होने बाकी हैं और जैसा कि श्रीमती निशा सिंह ने कहा है कि संबंधित वीडियो क्लिप की पुष्टि फोरेंसिक जांच से हो सकती है, तो यह जांच मंडल प्रशासन द्वारा अवश्य कराई जानी चाहिए, क्योंकि इस प्रकरण से सिर्फ एक रेलकर्मी और उसके परिजनों की ही नहीं, बल्कि पूरी रेलवे की छवि जुड़ी हुई है। यह भी सही है कि संबंधित क्लिप, सीवाईएम के ट्रांसफर के बाद उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से वायरल की गई।

तथापि, यदि क्लिप में संबंधित महिला, रेलकर्मी नहीं है, और यदि वह वास्तव में कोई अभिनेत्री है, तो उसकी पहचान छिपाने की भी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि किसी अभिनेत्री की पहचान उसके द्वारा किया गया बेहतरीन अभिनय ही होता है। कोई अभिनेत्री कभी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश नहीं करती।

इसके अलावा संबंधित दृश्य का रिकॉर्ड सीवाईएम के पास भी मौजूद होना चाहिए, जो उसके आगे-पीछे का दृश्य प्रशासन के सामने स्पष्ट करके यह साबित कर सकते हैं कि वायरल क्लिप वास्तव में उनके खिलाफ गलत उद्देश्य से कुछ दुष्ट प्रकृति के लोगों द्वारा जारी की गई है।

इस मामले में अब तक कई खुलासे हुए हैं, कुछ अभी होने बाकी हैं। प्रशासनिक सूत्रों का दावा है कि सीवाईएम/कानपुर के ट्रांसफर का आधार वह वायरल वीडियो क्लिप बिल्कुल नहीं है। इसके पीछे पुख्ता कारण है। उनका यह भी दावा है कि कुछ और वीडियो-ऑडियो क्लिप सामने आई हैं। ऐसी स्थिति में अब यह जरूरी हो गया है कि उन सब क्लिप की भी फोरेंसिक जांच कराई जाए और पूरी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सच सामने लाया जाए।

कानाफूसी.कॉम का इस पूरे प्रकरण से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। यदि श्री तोमर को ऐसा लगता है तो उसके लिए खेद है।