पूर्वोत्तर रेलवे में शुरू हो गई ‘ई-डास’ ड्राइंग अप्रूवल सिस्टम की उन्नत प्रणाली
सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के लिए फिजिकली हर संबंधित विभाग के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे पर ड्राइंग अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ‘ई-डास ऑनलाइन अप्रूवल सिस्टम’ लागू कर दिया गया है। रेलवे में विभिन्न प्रकार के ड्राइंग बनाए जाते हैं, जिनमें पैदल उपरिगामी पुल (एफओबी), इंजीनियरिंग स्केल प्लान (यार्ड प्लान), सिगनल इंडेक्स प्लान, सीमित ऊँचाई के सब-वे, स्टेशन भवन तथा छोटे-बड़े पुल आदि के ड्राइंग शामिल हैं।
इन ड्राइंग्स को बनाते समय छोटी-छोटी बातों का भी उल्लेख करना पड़ता है, जिससे कि कार्य सम्पादन में कोई दुविधा की स्थिति न हो। इसके साथ ही संबंधित विभिन्न विभागों की मांगों को भी समाहित करना होता है। ड्राइंग बनने के बाद सभी संबंधित विभागों के सक्षम अधिकारियों से इस पर हस्ताक्षर प्राप्त करना होता है, जिसमें मंडल एवं मुख्यालय के अधिकारी भी शामिल होते हैं।
पहले किसी भी ड्राइंग पर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाना तथा उन विभागों के संशोधन को समाहित करना, एक लम्बी प्रक्रिया थी। इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय लगता था तथा कोविड-19 की स्थिति में यह एक दुरूह कार्य हो गया था।
इस समस्या से निजात पाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे पर ड्राइंग अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ई-डास को अपनाया गया है, जिसमें ड्राइंग को इलेक्ट्रानिकली संबंधित विभागों को भेजा जाता है। उक्त विभाग का सक्षम अधिकारी इस पर डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से हस्ताक्षर करते हैं।
इस उन्नत प्रणाली की अनेक विशेषताएं हैं। जहाँ एक ओर मैनुअल सिस्टम की अपेक्षा इसमें बहुत कम समय लगता है, वहीं दूसरी तरफ कार्यकुशलता में उल्लेखनीय वृद्धि भी होती है। पारदर्शिता की दृष्टि से भी यह प्रणाली अत्यंत कारगर है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में ई-डास सिस्टम बहुत ही उपयोगी है। मैनुअल सिस्टम में ड्राइंग को विभिन्न विभागों में भेजने से संक्रमण की बहुत ज्यादा सम्भावना उत्पन्न होती। परंतु ई-डास सिस्टम में ऐसी कोई आशंका नही है। विदित हो कि पूर्वोत्तर रेलवे पर ई-ऑफिस की व्यवस्था भी शुरू की जा चुकी है।