आरपीएफ स्टाफ द्वारा शराब और गांजा की तस्करी
अवैध वेंडिंग को संरक्षण और अवैध वेंडर्स के लिए रोजगार मेला तथा अवैध कलेक्शन!
ऐसा लगता है कि वर्तमान निजाम में आरपीएफ का न कोई माई-बाप रह गया है और न ही रेल प्रशासन पर किसी का कोई नियंत्रण! परिणामस्वरूप सब कुछ निरंकुश हो रहा है। आरपीएफ जवान शराब और गांजे की तस्करी कर रहे हैं, अवैध वेंडिंग को संरक्षण देकर पैंट्रीकार कांट्रेक्टर्स पर दबाव बनाकर वाहवाही के साथ अवैध कमाई के लिए अवैध वेंडर्स को रोजगार दिलाने के लिए रोजगार मेला लगा रहे हैं पर ईमानदारी से दायित्व नहीं निभा रहे हैं जिसे निभाने के लिए उन्हें तैनात किया गया है।
एक तरफ दिल्ली में मंगलवार, 28 अप्रैल को शाम 9-15 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के निकट पहाड़गंज थाने के दायरे में आरपीएफ के तीन कांस्टेबल को शराब की तस्करी करते रंगेहाथ पकड़ा गया। वहीं दूसरी तरफ शहडोल, बिलासपुर मंडल, द.पू.म.रे. में एक कांस्टेबल को गांजा तस्करी के आरोप में और उसी की शिकायत पर सोमवार, 27 अप्रैल को आरपीएफ इंस्पेक्टर इंचार्ज शहडोल को निलंबित किया गया है।
जबकि एक आरपीएफ ट्रेनी, जो अब तक रे.सु.ब. की बकायदा सदस्य भी नहीं बनी, के पति के इलाज के लिए 41 लाख रुपए का अनधिकृत संग्रह आरपीएफ प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह जब लॉकडाउन पीरियड की घटनाएं हैं, ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि सामान्य समय में यह लोग क्या-क्या कारनामे करते होंगे!
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मंगलवार, 28 अप्रैल को गाड़ी नं.डीएल-8 सीजेड 0658 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आरपीएफ पोस्ट के तीन कांस्टेबल – जयवीर सिंह, दिनेश कुमार और गोपेश कुमार मीणा (उक्त गाड़ी का मालिक) – लॉकडाउन के दौरान उक्त गाड़ी में शराब की पेटियां हरियाणा से तस्करी करके लाते हुए पकड़े गए। उनके द्वारा यह शराब दिल्ली में बड़े मुनाफे के साथ बेचने के लिए लाई गई थी।
परंतु नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहाड़गंज थाने के दायरे में संगत राशन चौकी के पर नाकेबंदी में दिल्ली पुलिस की चेकिंग के दौरान उपरोक्त तीनों आरपीएफ कांस्टेबल को शराब की तस्करी करते हुए रंगेहाथ धर लिया गया।
पकड़ी गई शराब और तस्करी के लिए इस्तेमाल की जा रही उपरोक्त नंबर की गाड़ी सहित तीनों आरपीएफ कांस्टेबल को पहाड़गंज थाने ले जाया गया। वहाँ क्रम संख्या-2 दिनेश कुमार और क्रम संख्या-3 गोपेश मीणा को ले-देकर छोड़ दिया गया और केवल क्रम संख्या-1 जयवीर सिंह के विरुद्ध एक्साइज एक्ट-2000 की धारा 33ए/58 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
छोड़ दिए गए आरपीएफ के दोनों कांस्टेबल, इंस्पेक्टर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आरपीएफ पोस्ट, भूपेंद्र सिंह डागर के खास चहेते बताए गए हैं, जो कि काफी समय से आईपीएफ डागर की क्राइम कंट्रोल उर्फ वसूली टीम का हिस्सा हैं।
#लॉकडाउन में नजदीक ड्यूटीरत जवानों को मूव करने और सुरक्षा ड्यूटी के बजाय खाना बांटने में लगाकर सैकड़ों RPFजवानों को कोरोना संक्रमित कराने वाले #DGRPF के विरुद्ध कार्रवाई कर सरकार कथनी/करनी का फर्क मिटाए
बांदीकुई ट्रेनिंगसेंटर की ट्रेनी हेतु 41Lअवैध कलेक्शन पर भी संज्ञान लिया जाए pic.twitter.com/5TTflISLdR
— kanafoosi.com (@kanafoosi) April 25, 2020
नई दिल्ली आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर/इंचार्ज भूपेंद्र सिंह डागर डागर, सीनियर डीएससी/कॉर्डिनेशन, दिल्ली मंडल, उत्तर रेलवे के खास चहेतों में से एक हैं, ऐसा बताया गया है !
बताते हैं कि यह सब 22 मार्च यानि पहला लॉकडाउन घोषित होने के पहले से ही चल रहा था और आईपीएफ डागर एवं सीनियर डीएससी को सब पता था, क्योंकि इन दोनों की ‘पूरी सेवा’ हो रही थी।
पता लगते ही इंस्पेक्टर/इंचार्ज, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आरपीएफ पोस्ट भूपेंद्र सिंह डागर तुरंत पहाड़गंज थाने पहुंचे। पहले उन्होंने भरपूर प्रयास किया कि शराब की तस्करी में पकड़े गए तीनों कांस्टेबल बिना कोई मामला दर्ज हुए वैसे ही छूट जाएं, लेकिन अंततः वह दो को छुड़ाने में कामयाब हो गए और एक पर मुकदमा दर्ज कराने पर उनको समझौता करना पड़ा।
इसके बाद सीनियर डीएससी ने इंस्पेक्टर/इंचार्ज डागर द्वारा छुड़ाए गए दोनों आरपीएफ कांस्टेबल दिनेश कुमार और गोपेश मीणा को अगले दिन यानि बुधवार, 29 अप्रैल का केवल ट्रांसफर करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। वहीं ऐसा ही दायित्व निर्वाह गांजा तस्करी के मामले में बिलासपुर मंडल, द.पू.म.रे. में शहडोल आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज सहित शिकायतकर्ता कांस्टेबल को सोमवार, 27 अप्रैल को निलंबित करके किया गया है। क्रमशः