केवल 8-9 दिन परिवहन के साधन बंद करके शायद हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे!

यदि वास्तव में हमें सफल होना है, तो 14 से 15 दिन तक देश के सारे परिवहन और नागरिकों के आवागमन को न केवल बंद रखना होगा, बल्कि सख्ती से उसका पालन भी करवाना होगा

जो लोग प्रतिदिन की रोजी-रोटी कमाने पर ही निर्भर हैं, जो रोज कमाकर अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रहे हैं, उनके बारे में भी हमें ही सोचना होगा !

#कोरोनावायरस को मात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान ने देश के प्रत्येक नागरिक में निश्चित रूप से एक जिम्मेदारी का जज्बा पैदा कर दिया है। इस आह्वान पर पूरा देश कोरोनावायरस से लड़ने के लिए उनके साथ खड़ा हो गया है। रविवार, 22 मार्च को शाम 5 बजे पूरा देश थाली और ताली की आवाज से गूंज उठा। यह एक अद्भुत दृश्य था, जो कि अपने इस जीवन काल में सर्वथा पहली बार देखने को मिला।

निश्चित रूप से पीएम मोदी ने तथा रेल मंत्रालय ने एक बहुत सकारात्मक कदम उठाया जो कि बेहद जरूरी भी था कि भारतीय नागरिकों को पूरी तरह से यदि सच में एकांत में रखना है, तो आवागमन के साधनों को बंद करना होगा। पीएम ने कानाफूसी.कॉम की ट्विट्स का सकारात्मक संज्ञान लिया और तत्काल पहले 25 मार्च तक के लिए सभी ट्रेनों को रद्द करने का आदेश दिया। तत्पश्चात देर रात तक एक और ऐसा ही साहसिक कदम उठाते हुए 31 मार्च तक के लिए सभी ट्रेनों को बंद करने का निर्णय घोषित किया गया।

इसके साथ ही 14 घंटे के जनता कर्फ्यू को रात के 9 बजे के बाद पूरी रात के लिए पालन करने का भी सराहनीय आह्वान किया गया, जिसका देश भर के नागरिकों ने खुशी-खुशी पालन किया। ट्रेनों को 31 मार्च तक स्थगित करने के निर्णय का भी पूरे देश ने भरपूर स्वागत किया।

लेकिन केवल 8 या 9 दिन तक परिवहन के साधनों या ट्रेनों को बंद करके शायद हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कोरोना वायरस की वास्तविक जानकारी कम से कम 14 दिन में मिलती है। यदि हम 8 या 9 दिन के आइसोलेशन के बाद फिर से लोगों को आपस में मिलाने लगेंगे, तो हमारा यह प्रयोग सफल नहीं हो पाएगा। उल्टे इससे राष्ट्र को हजारों करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

इस छूत की महामारी से यदि वास्तव में हमें जीतना है, तो हमें 14 से 15 दिन तक देश के सारे परिवहन को तथा नागरिकों के हर आवागमन को न केवल बंद रखना होगा, बल्कि उसका सख्ती से पालन भी करवाना होगा। तभी निश्चित रूप से हम #कोरोना के ऊपर विजय हासिल कर सकते हैं और सारी दुनिया के लिए एक आदर्श स्थापित कर सकते हैं।

मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा कोरोना पर विजय हासिल करने के लिए किए जा रहे सारे प्रयोग-प्रयास बेहद प्रशंसनीय हैं। समय रहते सरकार जो भी कदम उठा रही है, देशवासियों का भी उसमें सतत सहयोग प्राप्त हो रहा है। यह सारी दुनिया के लिए अनुकरणीय है!

इसके साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि केवल कोरोना-कोरोना करके इसकी तरफ ही हमारा ध्यान बना रहे और इतने दिनों तक सारे बाजार बंद रहेंगे, घर-बार, सड़कें-गलियां सभी वीरान रहेंगी, तो जो प्रतिदिन हमारे द्वारा दी गई रोजी-रोटी पर ही निर्भर हैं, जो रोज कमाकर अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रहे हैं, उनका क्या होगा! उनके बारे में भी हमें ही सोचना होगा।

इस देश में लाखों-लाख लोग ऐसे हैं जिनको यदि एक निवाला भी नसीब हो रहा है, तो वह हम में से किसी न किसी व्यक्ति के द्वारा दिया हुआ है। उसी से उनका पेट भर रहा है। यदि हमने उनकी तरफ समय रहते उचित ध्यान नहीं दिया, उनका आवश्यक ख्याल नहीं रखा, तो वे लोग कोरोना से नहीं, भूख से तड़प- तड़पकर मर जाएंगे।

ऐसे लोग जिनके घर में तानिक सा भी राशन एकत्रित नहीं रहता है, सोचिए ऐसे लोगों का भविष्य क्या होगा? उनकी हालत इस 14-15 दिनों के बंद के दौरान क्या हो जाएगी? सोच कर ही रूह कांप उठती है।

इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के साथ ही सामाजिक-राजनीतिक संस्थाओं सभी को मिलकर यह सोचना होगा कि इस राष्ट्र की हर एक जान हमारे लिए बेहद कीमती है।

कोई भी जान किसी भी तरह की अव्यवस्था के चलते नहीं जानी चाहिए। यह हम सब देशवासियों का भी कर्तव्य है। अतः इसकी समुचित व्यवस्था हमको करनी ही होगी, और वह भी बिना देर लगाए।

Dr M. Raghvaiya, GS/NFIR on #Covid19

There are some more initiatives should have to be taken by Railways. Like –

1. Passengers should be checked while on Board by Railway Medical team assisted by RPF and GRP, and concerned state Medical team instead of checking in entry gate.

2. Suspected person should be alighted in next station before getting more chance of mingling with other co-passangrs. This may also help in reducing gathering at stations in the name of checking.

3. Liquid soap should be provided to all coaches infront of wash basin irrespective AC or Non-AC coach.

4. Suspected persons should be placed in different isolated wards.

5. Sanitizer, Mask and Gloves may be supplied to all Emergency frontline staff like TCs, BCs, PC, GCs, ECRCs SMs, LPs and Guards etc deployed at Trains and stations, and checking the passengers.

6. Announcement may be made and pamphlets may be pasted in Hindi, English and Regional languages.

STAY HOME – STAY SAFE !!

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