फेडरेशन के सेफ्टी सेमिनार में भाग लेने वाले रेलकर्मियों का चयन करे रेल प्रशासन!

आगामी 17-18 जून 2022 को मुंबई में ऑल इंडिया रेलवमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) द्वारा एक सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे देश भर अर्थात पूरी भारतीय रेल के 1600 रेलकर्मी भाग लेंगे।

एक सेवानिवृत्त रेलकर्मी मुकेश अवस्थी ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव सहित #Railwhispers को यह ईमेल भेजकर कहा है कि सेफ्टी सेमिनार हो, यह अच्छी बात है, लेकिन सेफ्टी सेमिनार के नाम पर व्यर्थ सैर सपाटा और लजीज व्यंजनों की दावतें उड़ाई जाएं, रेलवे के खर्च पर हफ्ते भर तक मौज-मस्ती की जाए, यह ठीक नहीं है। प्रतिभागियों के चयन की जिम्मेदारी फेडरेशन एवं इसकी संबद्ध यूनियनों को सौंपी गई है, यह भी ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि इस सेमिनार में बड़ी संख्या में ऐसे रेलकर्मी भाग लेंगे, जिनका सेफ्टी से कोई लेना-देना नहीं है, जैसे लेखा विभाग के बाबू, मिनिस्टीरियल स्टाफ, स्टोर डिपार्टमेंट का स्टाफ, रिजर्वेशन स्टाफ, बुकिंग, पार्सल, मालगोदाम के कर्मचारी, टिकट चेकिंग स्टाफ इत्यादि।

उनका कहना है कि रेलवे जब स्पेशल सीएल, और पास दे रहा है, तो प्रशासन को पूरा हक है कि वह इस बात की निगरानी रखे कि इस सेमिनार में सेफ्टी कैटेगरी के कर्मचारी ही भाग लें, तभी इस सेमिनार के आयोजन की सार्थकता है, अन्यथा यह आयोजन मात्र एक पिकनिक बनकर रह जाएगा।

उन्होंने कहा कि यूनियन का कितना भी बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो, वह अगर वह सेफ्टी कैटेगरी से संबंध नहीं रखता है, तो उसे स्पेशल सीएल और पास न दिया जाए।

अंत में उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि उम्मीद है कि रेलमंत्री अवश्य ही इस विषय पर उचित ध्यान देंगे।

उन्होंने इसकी प्रतिलिपि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी), भारत सरकार, नई दिल्ली को भी प्रेषित की है।

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