अमानक निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण और सुधार सुनिश्चित करना आवश्यक है!

कंक्रीट के छिद्रों में पानी आ जाने अर्थात कंक्रीट स्टाक के अंदर बुलबुले (बबल्स) बन जाने के कारण कंक्रीट कमजोर होता है। इसके कारण कंक्रीट से पानी का लीकेज भी होने लगता है। पानी का लीकेज होना कंक्रीट स्ट्रक्चर्स के खराब होने वाले कारणों में से एक है।

कंक्रीट में पानी और सीमेंट का औसत बढ़ जाने से कंक्रीट स्ट्रक्चर्स के प्लेसमेंट के दौरान कंक्रीट में सेग्रीगेशन भी होता है। डिजाइन मिक्स्ड कंक्रीट का कार्य मैनुअल मिक्स्ड या मिक्स्चर मशीन से करवाया जाना एक अपराधिक कृत्य के समान है।

लेकिन टार्गेट के नाम पर प्रायोजित ठेकेदारों से मिलीभगत करके इसी तरह का अमानक कार्य संपादन किए जाने से रेलवे सिस्टम में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य नहीं हो रहे हैं।

कार्य संपादन के इस तरीके से निर्माण कार्य की कोडल लाइफ ईश्वर की कृपा पर निर्भर होती है, क्योंकि यह कब गिर जाएंगे, इसका कोई भरोसा नहीं रहता।

कंस्ट्रक्शन मैनुअल के प्रचलित नियमों के तहत ऐसे सभी निर्माण कार्यों का मानक संपादन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा ऐसे सभी निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जाना उससे भी ज्यादा आवश्यक है।

वास्तव में अगर देखा जाए तो इसके लिए किसी के आदेश की आवश्यकता नहीं है। तथापि गलत तरीके से करवाए जा रहे इस तरह के अमानक निर्माण कार्यों के लिए संबंधित निरीक्षकों और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है।

आखिर इस तरह के अराजकतावादी अमानक निर्माण कार्यों के संपादन का भौतिक रूप में सुधार कब सुनिश्चित होगा? जोनल रेलों के महाप्रबंधकों, प्रमुख मुख्य इंजीनियरों, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण और मंडल रेल प्रबंधकों इत्यादि सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए!

प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी

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