रेल में हो रहा बड़े पैमाने पर जीएसटी घोटाले का खेल!
मेंबर फाइनेंस/रेलवे बोर्ड और पूर्व रेलमंत्री भी हैं जिम्मेदार!
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे में बलास्ट (गिट्टी) के कार्यों में बड़े पैमाने पर जीएसटी का घोटाला किया जा रहा है।
इससे रेलवे को और सरकार को भी राजस्व की भारी हानि हो रही है।
सूत्रों का कहना है कि बलास्ट सप्लाई के मामलों में ठेकेदारों द्वारा 5% जीएसटी के बिल दिए जा रहे हैं।
जबकि कार्य के अनुसार सप्लाई और स्टैकिंग के कार्यों में 12% का इन्वॉइस दिया जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में रेलवे को पिछले 4 सालों में लगभग ₹7,000 करोड़ का भारी नुकसान हो चुका है।
इसी प्रकार लिंकिंग के ठेकेदार केवल लेबर जॉब करते हैं। जानकारों का कहना है कि इन पर 18% जीएसटी होना चाहिए, परंतु गोलमाल करके यह इसे 12% कर लेते हैं। इस तरह यहां भी 6% की जीएसटी चोरी हो रही है।
इसी तरह पी-वे और लिंकिंग के ठेकेदारों पर 18% जीएसटी बनता है, पर रेलवे को यह जीएसटी इन्वॉइस 12% की दे रहे हैं। इसमें भी तकरीबन ₹12,000 करोड़ का चूना अब तक रेलवे को लग चुका है।
सवाल यह उठता है कि इस सारे नुकसान के लिए रेलवे बोर्ड के मेंबर फाइनेंस जिम्मेदार हैं या इंजीनियरिंग विभाग?
वैसे इन सब मामलों में पूर्व रेलमंत्री पीयूष गोयल की भी जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि वह स्वयं को चार्टर्ड एकाउंटेंसी का एक्सपर्ट होने का ढ़ोल बजाते रहे हैं! तब उनके रहते अथवा उनके कार्यकाल में यह घोटाला कैसे चलता रहा?
इन सभी मामलों की वित्त मंत्रालय और राजस्व खुपिया निदेशालय के स्तर पर स्वतंत्र जांच होनी चाहिए तथा सभी संबंधितों – फिर वह चाहे किसी भी स्तर पर क्यों न हो – की जिम्मेदारी तय करते हुए पीएमओ की तरफ से उचित दंडात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। क्रमशः
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