भायखला रेलवे प्रिंटिंग प्रेस बंद करने का आदेश
अब कहां हैं फेडरेशन और यूनियन नेता?
मुंबई : मध्य रेलवे का भायखला रेलवे प्रिंटिंग प्रेस 31 दिसंबर 2020 तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
सीपीओ/एडमिन/म.रे. की तरफ से गुरुवार, 3 सितंबर 2020 को एपीओ (बिल्स/एसएंडएम) अशोक रामचंदानी द्वारा स्टेशनरी मैनेजर, भायखला को जारी किए गए इस आदेश में यह भी कहा गया है कि रेलवे बोर्ड के संदर्भित पत्र (सं. 2017/आरएस/प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी/एपी/पीपी/आईआर, दि. 24.07.2020) के अनुसार अब चूंकि भायखला रेलवे प्रिंटिंग प्रेस बंद करने का निर्णय लिया गया है, अतः वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा मुख्यालय को अविलंब उपलब्ध कराया जाए।
“जो कहते थे कि ‘रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस कभी बंद नहीं होने दूंगा’ वह फेडरेशन और यूनियन नेता कहां हैं अब?” यह सवाल प्रिंटिंग प्रेस के सभी कर्मचारी और रेलकर्मी पूछ रहे हैं।
कर्मचारी यह भी पूछ रहे हैं कि “जब रेलवे के यह सारे प्रिंटिंग प्रेस बंद ही करने थे, तो इनमें आधुनिक ऑफसेट प्रिंटिंग मशीनें लगाने पर करोड़ों खर्च क्यों किए गए?”
उनका कहना है कि “इस करोड़ों के बेकार हुए गैरजरूरी और अनुत्पादक खर्च के लिए जिम्मेदार कौन है? भविष्य की जरूरी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उचित प्रकार से नियोजन क्यों नहीं किया जाता?” यह जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए।
@Central_Railway का भायखला रेलवे प्रिंटिंग प्रेस 31.12.2020 तक बंद करने का आदेश
जो कहते थे "रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस कभी बंद नहीं होने दूंगा" वह यूनियन नेता कहां हैं अब?
जब यह सारे प्रिंटिंग प्रेस बंद ही करने थे, तो इनमें आधुनिक ऑफसेट मशीनें लगाने पर करोड़ों खर्च क्यों किए गए? pic.twitter.com/lcytxtQWrz
— kanafoosi.com (@kanafoosi) September 4, 2020