एक और प्राइवेट ट्रेन “महाकाल एक्सप्रेस” का आज से हो रहा है शुभारंभ
लीजिए साहबान, एक और प्राइवेट ट्रेन “महाकाल एक्सप्रेस” का शुभारंभ प्रधानमंत्री आज 16 फरवरी को वाराणसी से कर रहे हैं। यह गाड़ी वाराणसी से इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, उज्जैन होते हुए इंदौर तक जाएगी।
भारतीय रेल का दुर्भाग्य देखिए कि आईआरसीटीसी द्वारा संचालित इस प्राइवेट ट्रेन को सफल बनाने हेतु और उचित प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की मीडिया को स्पेशल कोच में भरकर दिल्ली से वाराणसी ले जाया जाएगा और वाराणसी से दिल्ली लाया जाएगा।
अर्थात भारतीय रेल को डुबाने हेतु किए जा रहे तमाम ऊटपटांग कार्यों के लिए भी भारतीय रेल का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
यह प्राइवेट गाड़ी चला रही है आईआरसीटीसी, मगर विभिन्न स्टेशनों पर इससे संबंधित प्रबंधन और खर्च की व्यवस्था कर रही है भारतीय रेल।
दबे स्वर और निजी बातचीत में रेलवे के उच्च अधिकारी से लेकर सामान्य कर्मचारी तक, सब इसके विरोध में हैं, लेकिन इस वक़्त तो ऐसा दौर चल रहा है कि सरकार के हर काम पर हां की ही मुहर लगानी है, वरना आप देश विरोधी घोषित कर दिए जाएंगे।
इस सुविधा का लाभ गरीब तबके के लोग नहीं उठा सकेंगे, क्योंकि न तो इसमें जनरल बोगी है, और न ही सामान्य स्लीपर क्लास।
क्या इस रूट पर भारतीय रेल वंदे भारत या सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी कोई गाड़ी नहीं चला सकती थी, जिससे सामान्य तबके के लोग भी लाभान्वित होते?
अभी देश इतना विकसित नहीं हुआ है कि देश की प्रमुख यातायात व्यवस्था को विशुद्ध व्यावसायिक रूप में बदल दिया जाए।
हर चीज के निजीकरण से आहत सरकारी कर्मचारी और प्रभावित जनता भी अब सत्ता में जल्द से जल्द बदलाव चाहने लगी है, जो कि कभी भाजपा की प्रमुख वोटर थी।