कम नहीं की जा रही है रेलकर्मियों की संख्या, रेलमंत्री पीयूष गोयल ने संसद में दिया जवाब

रेलवे में करीब ढ़ाई-तीन लाख स्वीकृत पद रिक्त होने से कार्यरत रेलकर्मियों पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ

रेल कर्मचारियों की लगातार घटती संख्या पर पश्चिम बंगाल के सांसद ऋताबृता बनर्जी ने सरकार से सवाल पूछकर यह जानना चाहा था कि क्या सरकार ने रेलकर्मियों की संख्या घटाकर तीन लाख पर लाने का विचार किया है? यदि हां, तो जोनल रेलों के अनुसार रेल कर्मचारियों की संख्या और इसका कारण बताया जाए।

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार, 22 नवंबर को संसद में इस प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है। रेलकर्मियों की संख्या कम नहीं की जाएगी।

तथापि रेलवे में प्रशिक्षित और कुशल मानव संसाधन लगातार घटता जा रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि जो लोग रिटायर हो चुके हैं और अभी रिटायर हो रहे हैं, उन स्वीकृत पदों पर भी भर्ती नहीं हो रही है। इससे लगभग हर कैडर में कार्यरत रेलकर्मियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।

इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि सबसे आवश्यक कैटेगरी ‘रनिंग स्टाफ’ को हर दिन 14-16 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। जबकि रेल प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है। वर्तमान में भी रेलवे में लगभग ढ़ाई से तीन लाख स्वीकृत पद खाली हैं, जिन पर भर्ती आवश्यक है। इस मामले में रेल प्रशासन मान्यताप्राप्त संगठनों की मांग को भी लगातार दरकिनार करता आ रहा है।

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